बाल विवाह पर एक्शन को जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद का समर्थन

असम में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद का समर्थन मिला है। जमीयत-ए-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ये बिल्कुल सही है। लेकिन ऐसे लग रहा है कि ये कार्रवाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ की जा रही है। इसे निष्पक्ष होना चाहिए।उन्होंने कहा कि अगर समान नागरिक संहिता पर आम सहमति बनाने के लिए कुछ संजीदा कोशिशें की जा रही हैं तो इसमें कोई बुराई नहीं है। सरकार को अपना एक्शन निष्पक्ष रखना चाहिए।

असम में चार हजार से ज्यादा केस, दो हजार गिरफ्तारी
असम सरकार ने पिछले सप्ताह बाल विवाह के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया। राज्य में बाल विवाह में शामिल हुए 52 पुजारियों और काजी को गिरफ्तार किया गया है। DGP जीपी सिंह ने बताया कि सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां धुबरी, बारपेटा, कोकराझार, विश्वनाथ जिलों में हुई हैं। राज्य में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं। 10 जिलों से 2 हजार 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि उनके पास कुल 8 हजार लोगों की लिस्ट है।

सरकार ने क्यों लिया ये फैसला?
बाल विवाह को लेकर नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट सामने आई थी। इसमें पता चला कि असम में मातृ-शिशु मृत्यु दर सबसे ज्यादा है। इसकी बड़ी वजह बाल विवाह को बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक बाल विवाह के सबसे ज्यादा 370 मामले असम के धुबरी जिले में दर्ज हुए।

वहीं, होजई में 255 और उदलगुरी में 235 केस, मोरीगांव में 224 और कोकराझार में 204 केस दर्ज किए गए हैं। दीमा हसाओ में 24, कछार में 35 और हैलाकांडी जिले में बाल विवाह का सिर्फ एक मामला दर्ज किया गया। ये रिपोर्ट सामने आने के बाद जनवरी 2023 में सरकार ने कैबिनेट बैठक में बाल विवाह के मामलों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने का फैसला किया था।

3 जनवरी से इस पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई। अब तक कुल 2278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें विश्वनाथ से 139, बारपेटा से 130, धुबरी से 126, बक्सा से 123, बोंगईगांव से 117, नगांव से 101, कोकराझार से 94, कामरूप से 85, गोलपारा और उदलगुरी जिले से 84-84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गर्भवतियों में 17% नाबालिग
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि राज्य में पिछले साल 6,20,867 महिलाएं गर्भवती हुईं। इनमें से 19 साल या उससे कम उम्र की 1,04,264 यानी 17 फीसदी किशोरियां गर्भवती पाई गईं।

14 से कम उम्र में शादी पर लगेगा पॉक्सो
असम कैबिनेट ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों पर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज करने का फैसला किया है। साथ ही 14 से 18 साल की उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों पर बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। सरमा का कहना है कि राज्य में मातृ और शिशु मृत्यु दर की उच्च दर को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है, क्योंकि बाल विवाह भी इसका एक मुख्य कारण है।

असम CM बोले- महिलाएं 30 से पहले शादी कर लें
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने महिलाओं को सही उम्र में मां बनने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मां बनने की सही उम्र 22 से 30 साल है। महिलाओं को इसके लिए बहुत ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर वो 30 के बाद बच्चे को जन्म देती हैं तो कई सारे मेडिकल कॉम्प्लीकेशंस होते हैं।

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