फतेहपुर। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी, फतेहपुर के सभागार कक्ष में द्वितीय ष्हेल्थ प्रोफेशनल ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा० सुरेश कुमार ने की। जिसमें कम्यूनिटी हेल्थ आफीसर और आईसीडीएस के सीपीपीओ को तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
नोडल अधिकारी डा० सुरेश कुमार ने तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से चर्चा की। बताया कि भारत में 10 लाख मौते प्रति वर्ष मात्र तंबाकू के सेवन से हो रही हैं। उन्होंने बताया कि कोटपा-2003 के अन्तर्गत ग्रामीण स्तरो में तंबाकू का सेवन सार्वजनिक स्थानों पर रोकना है, जिसके लिये धारा 4 कोटपा के अन्तर्गत 200 रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश वालेट्री हेल्थ एसोसिएशन लखनऊ से पुनीत कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि धूम्रपान के कारण हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और सांस की बीमारियों के होने का खतरा है। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे इंडिया 2016-17 के मुताबिक 15 साल और उसमे ज्यादा उम्र के करीब 26.7 करोड़ भारतीय किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। इस वजह से कैंसर के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। तंबाकू से ओरल कैंसर और लम्स कैंसर का खतरा सबसे अधिक रहता है। कई मामलों में ये जानलेवा भी साबित होता है। तंबाकू से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोटपा अधिनियम 2003 की पूर्णता लागू करने के लिए इसके समस्त धारा 456 एवं 7 का अनुपालन करना अनिवार्य होना चाहिए। इसमें विशेषता धारा 4 सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करना जैसे कि सरकारी संस्था, होटल, रेस्टोरेंट में भी लोग धूम्रपान करते हैं, जबकि कोटपा अधिनियम की धारा धुम्रपान निषेध है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके प्रति जागरूक करना होगा। जुर्माने की कार्यवाही भी करनी होगी। कार्यक्रम में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा० पीबी सिंह व नोडल एनसीडी डा० आरके वर्मा, समस्त आईसीडीएस के सीपीपीओ व स्वास्थ्य विभाग के सीएचओ के अलावा अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।