झांसी की एससीएसटी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश शक्तिपुत्र तोमर ने शुक्रवार को दलित युवक को धमकाने के दोषी को 3 साल के कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी हत्या के मामले में राजीनामा करना चाहता था। मना करने पर जान से मारने की धमकी दी थी। उस पर 4250 रुपए का जुर्माना लगाया गया, नहीं देने पर दो माह की जेल अतिरिक्त काटनी होगी।
लोक अभियोजक केशवेंद्र प्रताप सिंह एवं कपिल कारोलिया ने बताया कि बरौदा गांव के आशाराम ने पूंछ थाना में तहरीर दी थी। बताया था कि 13 मई 2012 को घर पर था। तभी गांव का संदीप उर्फ पण्डा हाथ में कुल्हाड़ी लिए नशे की हालत में दरवाजे पर आया। गाली गलौच करते हुए बोला कि जैसे तुम्हारे भतीजे पूरन उर्फ आलू की हत्या की थी, वैसे ही तुम्हारी कर देंगे। नहीं तो हत्या के मुकदमें में राजीनामा कर लो। मना करने पर जातिसूचक शब्द बोलते हुए घर पर पत्थर फेंकने लगा। थाने जाने पर जान से मारने की धमकी देते हुए आरोपी भाग गया। आशाराम ने अगले दिन थाने जाकर रिपोर्ट कराई थी। पुलिस ने केस दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार किया था। अब उसे सजा हो गई।