सत्र के दौरान ही प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा? 15 सौ करोड़ से ऊपर हुए खर्च

इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका की पांच दिन की यात्रा उस समय कर रहे हैं जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्रा पर विपक्षी दल हमेशा तंज कसते हुए अंगुली उठाते रहे हैं। प्रधानमंत्री की ज्यादातर (80 फीसदी) विदेश यात्राएं उस समय होती हैं जब संसद का सत्र चल रहा होता है। जिसकी आलोचनाएं होती रहती है। इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका की सरकारी यात्रा पर हैं। जबकि संसद का सत्र चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्रा के बारे में विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) टी. एस. तिरुमूर्ति ने पिछले दिनों संवाददाताओं से कहा था कि 23 से 27 जुलाई तक तीन देशों के अपने दौरे में प्रधानमंत्री सबसे पहले दो दिन की ‘ऐतिहासिक’ यात्रा पर रवांडा पहुंच चुके हैं। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली रवांडा यात्रा है। इसके बाद वह 24 जुलाई को युगांडा जाएंगे और यहां से उनका अगला पड़ाव दक्षिण अफ्रीका होगा। युगांडा में वो वहां के संसद को संबोधित करेंगे। जो किसी भारतीय प्रधानमंत्री मंत्री का पहला संबोधन होगा। प्रधानमंत्री मोदी जब से देश की सत्ता संभाली है, तब से उन्होंने लगभग 84 देशों की यात्राएं की है जिन पर 14 सौ करोड़ से ज्यादा का खर्च आया है। जबकि 2017-2018 और 2018-2019 में हुई कई विदेश यात्राओँ की खर्चे का लेखा-जोखा नहीं दिया गया है।

आइए इस बारे में अबतक की प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राओं की सरकारी आंकडे पर नजर डालते हैं-

विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने चालू मानसून सत्र में राज्यसभा में बताया कि जून 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 84 देशों की यात्रा के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,484 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वीके सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा में यह जानकारी दी। आंकड़ों के अनुसार, 15 जून, 2014 और 10जून, 2018 के बीच की अवधि के दौरान प्रधानमंत्री के विमान के रखरखाव पर 1088.42 करोड़ रुपये और चार्टर्ड उड़ानों पर 387.26 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। हॉटलाइन पर कुल व्यय9.12 करोड़ रुपये का हुआ।

नरेंद्र मोदी ने मई 2014 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से 42 विदेशी यात्राओं में कुल 84 देशों का दौरा किया। सिंह द्वारा प्रदान किए गए विवरण में 2017-18 और 2018-19 में उनकी विदेशी यात्राओं के दौरान हॉटलाइन सुविधाओं पर हुआ खर्च शामिल नहीं है। वर्ष 2018-19 में यात्राओं के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत भी शामिल नहीं है। वीके सिंह के अनुसार, प्रधानमंत्री ने2015-16 में अधिकतम 24 देशों का दौरा किया और वर्ष 2017-18 में 19 तथा 2016-17 में 18 देशों का दौरा किया. वर्ष 2014-15 में, पीएम मोदी ने 13 देशों का दौरा किया, जिसमें प्रधानमंत्री के बतौर जून 2014 में उन्होंने पहला दौरा भूटान का किया था। वर्ष 2018 में, उन्होंने 10 देशों का दौरा किया, जिसमें उनका अंतिम दौरा पिछले महीने का चीन रहा। वर्ष 2014-15में विदेशी गंतव्यों के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत 93.76 करोड़ रुपये थी, जबकि वर्ष 2015-16 में यह लागत 117 करोड़ रुपये थी।

2016-17 में, लागत 76.27 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2017-18 में, चार्टर्ड उड़ान पर खर्च 99.32 करोड़ रुपये था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की विदेश यात्राओं का उद्देश्य व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी,विकास भागीदारी सहित विभिन्न क्षेत्रों में इन देशों के साथ परस्पर सूझबूझ बढ़ाना है। इन यात्राओं से इस अवधि के दौरान राजनयिक पहुंच में इजाफा हुआ है। इस पहुंच से अन्य बातों के साथ साथ सरकार के राष्ट्रीय विकास के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हमारे विदेशी सहभागियों की सम्बद्धता बढ़ी है।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की यात्रा पर कसा तंज-

पिछले दिनों कांग्रेस की गोवा इकाई ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड  को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम ‘विदेश यात्रा में रिकॉर्ड बनाने के लिए’ दर्ज किया जाए। गोवा कांग्रेस के महासचिव संकल्प अमोनकर की तरफ से ब्रिटेन स्थित जीडब्ल्यूआर के अधिकारियों को रजिस्टर्ड पोस्ट के जरिए भेजे गए पत्र में कहा गया है, ‘हम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का सुझाव देते हुए बहुत खुश हैं। उन्होंने वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया है।

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