स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि लखनऊ लक्ष्मण की नहीं बल्कि राजा लाखन पासी की धरती रही है। लक्ष्मण का लखनऊ में कोई योगदान नहीं है।
रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर लगातार चर्चा में बने रहने वाले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का भाजपा कार्यकर्ता लगातार विरोध कर रहे हैं। स्वामी खुद भी लगातार बयानबाजी कर रहे हैं।
अब उन्होंने भाजपा द्वारा लखनऊ को भगवान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण से जोड़ने को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि लखनऊ राजा लाखन पासी की धरती रही है। उनकी राजधानी रही है। लखनऊ का नाम लाखन पासी की पत्नी लखनावती के नाम पर रखा गया था। लक्ष्मण का लखनऊ में कोई योगदान नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर लखनऊ का नाम बदलना है तो राजा लाखन पासी के नाम पर रखिए क्योंकि लक्ष्मण का कोई योगदान नहीं है।
उन्होंने लखनऊ में आयोजित हुई यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट 2023 के बारे में कहा कि इससे पहले भी इंवेस्टर्स समिट हुई हैं। सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कितना निवेश जमीन पर उतरा और कितने नौजवानों को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि आज नौजवान बेरोजगारी का दंश झेल रहा है। ये जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला है।
सनातन कोई धर्म नहीं
स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा। साथ ही कहा कि जो जिस धर्म को मानता है, वह उसकी अच्छाइयों और कमियों को इंगित कर सकता है। यह विषय बहस का नहीं है। सनातन कोई धर्म नहीं है। कोई भी अपने धर्म को सनातन बता सकता है। सनातन का मतलब प्राचीन और पुराने से है। ईसा मसीह के बाद पैगंबर मुहम्मद पैदा हुए थे। इस्लाम को पहचान पैगंबर मुहम्मद ने दी। उनके पहले भी इस्लाम रहा। भारतीय संविधान के अनुसार, सभी धर्मों का बराबर सम्मान है। इतिहास के साक्ष्यों के अनुसार, बौद्ध धर्म सबसे पुराना है।