पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के सबसे पॉश इलाके में है फातिमा जिन्ना पार्क यानी F-9। इसके एक तरफ दर्जनों फास्ट फूड की दुकानें हैं, दूसरी तरफ क्रिकेट ग्राउंड और उससे लगा पाकिस्तान एयरफोर्स का अस्पताल।
2 फरवरी की शाम इस पार्क में एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को झकझोर दिया, लेकिन उसके बाद जो हुआ वो उससे भी घिनौना था। सिलसिलेवार तरीके से पहले पूरी घटना जानते हैं।
2 फरवरी को शाम का वक्त था। 24 साल की एक लड़की अपने पुरुष दोस्त के साथ F-9 पार्क में टहल रही थी। तभी उन्हें दो बंदूक धारी लोगों ने रोक लिया।
पुलिस के पास दर्ज लड़की के बयान के मुताबिक, ‘वो लोग बंदूक की नोक पर हम दोनों को पार्क में जंगल की तरफ ले गए। पूछा ये लड़का तुम्हारा क्या लगता है। जब मैंने जवाब दिया तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारा। मेरे बाल खींचे और जमीन पर पटक दिया। मेरे कपड़े फाड़े और रेप किया।’
इसके बाद रेपिस्टों दर्द से कराह रही लड़की को 1 हजार रुपए देते हुए कहा कि सूरज ढलने के बाद ऐसे पार्क में मत टहला करो। रेपिस्टों की इस सोच ने पूरे पाकिस्तान को झकझोर दिया है।
केस दर्ज होने के बाद मेडिकल जांच कराई गई। इसमें गैंगरेप की पुष्टि हुई है। पुलिस ने एक आरोपी का स्केच भी जारी किया है।
इस घटना के बाद पिछले 13 दिनों की 3 बड़ी अपडेट्स…
- इस घटना ने 22 करोड़ आबादी वाले पाकिस्तान को झकझोर दिया। महिलाएं घरों से बाहर निकल आईं। उन्होंने F-9 पार्क की रेलिंग में अपने दुपट्टे बांध दिए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए तख्तियां उठाईं। उनका कहना है कि जब देश के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले पार्क में ऐसा होगा, तो फिर महिलाएं कहां जाएंगी।
- सरकार ने मीडिया से इस खबर की कवरेज रोकने का आदेश दिया। तर्क है कि इससे पीड़ित की पहचान उजागर हो सकती है।
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2022 में पाकिस्तान की 44 अदालतों में महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा के 1,301 मामलों की सुनवाई हुई। पुलिस ने 2,856 मामलों में चार्जशीट दायर की। रेप के केवल 4% मामले में ही ट्रायल हुए।
पाकिस्तान की हर चौथी महिला शारीरिक हिंसा का शिकार
पाकिस्तान में 10.7 करोड़ से ज्यादा महिलाओं की आबादी है। यहां यौन उत्पीड़न के अलावा शारीरिक हिंसा की घटना भी आम है। पाकिस्तान के मानवाधिकार मंत्रालय ने 2017-2018 में एक सर्वे कर बताया कि 15 से 29 साल की लगभग 28% महिलाओं ने शारीरिक हिंसा का अनुभव किया है।
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2022 में अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के मामले में पाकिस्तान की रैंकिंग 170 देशों में से 167वें स्थान पर है।
पाकिस्तान में महिलाओं को दी जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बेहद खराब है। इसकी कमी से पाकिस्तान में हर 20 मिनट में एक प्रेग्नेंट महिला की मौत होती है। लगभग 55% गर्भवती महिलाओं के पास प्रशिक्षित कर्मचारी या महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तक उपलब्ध नहीं हैं। इसकी वजह से ज्यादातर महिलाएं घर पर असुरक्षित तरीके से बच्चों को जन्म देती हैं।
पाकिस्तान के मानवाधिकार संगठन मूवमेंट फॉर सॉलिडैरिटी एंड पीस (MSP) के मुताबिक, पाकिस्तान में हर साल लगभग 1,000 ईसाई और हिंदू लड़कियों और महिलाओं का अपहरण कर लिया जाता है। इनमें से ज्यादातर महिलाओं को बलपूर्वक धर्मांतरित कर मुस्लिम पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर किया जाता है।
रेप की 2 बड़ी वजहें
- पाकिस्तान में रेप के कानून का इतिहास दयनीय रहा है। 1979 में जनरल जिया उल हक ने हुदूद कानून लागू किया था। इसके तहत महिलाओं को ही रेप के सबूत जुटाने होते थे। इस कानून के तहत पीड़िता को 4 पुरुषों की गवाही लानी होती थी। अगर वो ऐसा नहीं कर पाए तो पीड़िता को जेल होती थी। 2006 में हुदूद कानून को बदलकर विमेंस प्रोटेक्शन बिल लाया गया था। इसके बाद से इसमें फोरेंसिक और बाकी दूसरे सबूतों को महत्व दिया जाने लगा।
- पाकिस्तान के नेताओं और आम लोगों का रवैया महिलाओं को सेकेंड क्लास सिटिजन समझने का है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और देश के सबसे सेलिब्रेटेड नेता इमरान खान ने कहा था- औरतों के तंग कपड़े मर्दों को भड़काते हैं, रेप से बचना है तो पर्दे में रहें। उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी जनता ने खूब शेयर किया। ये दिखाता है कि वहां की सोसाइटी की सोच महिलाओं को लेकर कैसी है।15 फरवरी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इस्लामाबाद पुलिस के IG अकबर नासिर खान के मुताबिक पुलिस के हाथ अभी कोई ठोस सबूत नहीं लगे हैं। 2 फरवरी की घटना ऐसी जगह हुई जहां रोशनी नहीं थी।
पाकिस्तान में हर 2 घंटे में एक महिला का रेप
महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा के मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेहद खराब है। थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन के सर्वे में पाकिस्तान महिलाओं के रहने के लिए दुनिया की छठी सबसे खतरनाक जगह है।
पाकिस्तानी चैनल समा टीवी की इन्वेस्टिगेशन यूनिट ने पिछले साल सर्वे कर बताया कि पाकिस्तान में हर 2 घंटे में एक महिला के साथ रेप होता है। 2017 से 2021 के बीच पाकिस्तान में 21,900 महिलाओं से रेप हुआ। इसका मतलब ये है कि पाकिस्तान में औसतन हर दिन 12 महिलाओं से रेप होता है।
सर्वे में शामिल लोगों का कहना है कि ये रेप का डेटा हकीकत में होने वाली घटनाओं से काफी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में रेप के करीब 3,327 मामले दर्ज किए गए थे। 2020 में यह संख्या 4,478 और 2021 में बढ़कर 5,169 हो गई।
बना रेप कानून
सितंबर 2020 में लाहौर में एक महिला की कार खराब होने के बाद उसके बच्चों के सामने उसका सामूहिक बलात्कार किया गया। इसके बाद ही देश में नया रेप कानून लाया गया था।
इस कानून में रेप के मामलों को सुलझाने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने, जांच में तेजी लाने और सीरियल रेपिस्ट को दवा देकर नपुंसक बनाने की बात कही गई है। इसके अलावा अदालतों को 4 महीने के भीतर रेप के मामले में सुनवाई कर फैसला सुनाने को भी कहा है।
रेप केस में लापरवाही बरतने पर पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तीन साल के सजा का भी प्रावधान है। इस नए कानून के बनने के दो साल बाद भी महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा की घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है