गंगा के बिना सनातन संस्कृति का आधार नहीं – गंगा समग्र के आयोजन में विद्यार्थियों ने रखे विचार

खागा/फतेहपुर। गंगा समग्र खागा द्वारा सोमवती अमावस्या पर कार्यक्रम आयोजित हुए स इस अवसर पर निष्पक्ष देव विद्या मंदिर इंटर कालेज गुरसंडी में मां गंगा की आरती की गई स सहायक नदियों के महत्व पर गोष्ठी आयोजित हुई स मुख्य अतिथि बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा की गंगा को संरक्षित किये बिना सनातन संस्कृति की कल्पना नहीं की जा सकती है। भारतीय समाज में गंगा जीवन पद्धति से जुड़ा है। सनातन धर्म के हर संस्कार व रिवाज में गंगा जल का उपयोग होता है। उन्होंने कहा कि भारत के 379 लोकसभा क्षेत्र गंगा से जुड़े हुए हैं। इसी से इसकी महत्ता को समझा जा सकता है। केंद्र सरकार ने भी नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा व उसकी सहायक नदियों को निर्मल व अविरल रखने का संकल्प लिया है। लेकिन, आमलोगों की सहभागिता के बिना यह संभव नहीं है।
प्रवीण पाण्डेय ने कहा कि न्यूजीलैंड जैसे देश में भी एक नदी राष्ट्रीयता व पवित्रता का प्रतीक है। नाइजीरिया में ओसुन नदी प्रेम की देवी का प्रतीक है। वहां नदियों के मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होती। फिर भारत में क्यों। उन्होंने गंगा नदी को रामलला की तर्ज पर व्यक्ति की तरह कानूनी अधिकार देने की मांग की। गंगा समग्र के जिला संयोजक राम प्रसाद, आशीष पांडेय , दीपक यादव, भीम सिंह , राकेश अरोरा, चंद्रिका मिश्रा, उत्कर्ष पाण्डेय,ने भी अपने विचार रखे स इस अवसर मुख्यरूप से अरविन्द कुमार, अभिषेक, तन्मय,साक्षी देवी,प्रियंका देवी राधिका सिंह, रोशनी देवी,काजल शर्मा, राधिका सिंह,सलोनी देवी, लक्ष्मी देवी,पलक शर्मा,दीपाली सिंह आदि रहे स

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