योगी सरकार की 2024 को साधने की कोशिश कुंभ का फंड बढ़ेगा

 

योगी सरकार 22 फरवरी यानी कल यूपी का बजट पेश करेगी। इसे यूपी के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है। करीब 7 लाख करोड़ के बजट में सरकार की कोशिश हर वर्ग को खुश करने की है। वजह है कि आगामी निकाय चुनाव और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव। किसान, युवा और उद्योग पर बजट पर सरकार बड़े ऐलान कर सकती है। पश्चिम यूपी में लगातार विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गन्ना किसानों के लिए बजट में फोकस रहने की पूरी उम्मीद है। इसके अलावा  सेक्टर, पर्यटन के विकास पर फोकस रहेगा। एक्सप्रेस-वे और मेट्रो सेवा निर्माण को लेकर अलग से बजट जारी किया जा सकता है। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के उद्यमियों के लिए बजट में खास व्यवस्था की गई है।

पश्चिमी यूपी के किसान लगातार धरने पर बैठे हैं। किसानों का कहना है कि योगी सरकार ने गन्ना किसानों के लिए समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया। इसलिए माना जा रहा है कि बजट में किसानों के लेकर सरकार बड़ा ऐलान कर सकती है। इसके अलावा किसानों के उपकरण पर सब्सिडी भी बढ़ाई जा सकती है।

 जमीन, बिजली समेत अन्य संसाधनों में मिल सकती है छूट
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सबसे ज्यादा  सेक्टर में  साइन हुए हैं। प्रदेश सरकार बजट में को लेकर बड़े ऐलान कर सकती है। उद्यमियों को जमीनों में जो छूट और बिजली और अन्य संसाधनों की जो व्यवस्था की जानी है, उन पर बजट में बड़ी घोषणा हो सकती है। विपक्ष भी लगातार ग्लोबल समिट को लेकर सरकार को घेर रहा है। ऐसे में सरकार इसे बढ़ाव देगी।

 लैपटॉप-टैबलेट का बजट बढ़ेगा
2024 चुनाव से पहले योगी सरकार युवाओं पर फोकस करते हुए लैपटॉप बांटने को लेकर बड़ा बजट घोषित कर सकती है। माना जा रहा है कि हाई स्कूल से लेकर स्नातक तक के छात्रों को लैपटॉप और टैबलेट दिए जाने का बजट में ऐलान किया जाएगा। इससे पहले पेश किए गए बजट में मामूली बजट लैपटॉप और टैबलेट पर राशि घोषित की गई थी।

 कुटीर उद्योग से जोड़ने की तैयारी
सेक्टर के अलावा वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत जिलों में महिलाओं को रोजगार दिए जाने को लेकर बजट में प्रावधान किया जा सकता है। महिलाओं को कुटीर उद्योग से जोड़ने के लिए बड़ी घोषणा हो सकती है। इस बार बजट में महिलाओं को लेकर अलग से धनराशि सरकार जारी कर सकती है।

 अयोध्या, वाराणसी समेत छोटे शहरों में पर्यटन बढ़ाएंगे
यूपी के धार्मिक नगरी कहे जाने वाले अयोध्या, वाराणसी, मथुरा समेत विभिन्न जिलों के पर्यटन स्थलों को बेहतर किए जाने पर सरकार फोकस कर रही है। यूपी के हर एक जिले के पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों को विकसित किए जाने पर भी सरकार इस बार के बजट में ऐलान कर सकती है। माना यह भी जा रहा है कि सरकार बजट में काशी, अयोध्या, मथुरा के अलावा अन्य वैसे छोटे धार्मिक स्थानों को व्यवस्थित करने के लिए धनराशि जारी कर सकती है।

 धार्मिक शहरों के बजट बढ़ेंगे
योगी सरकार बजट में धार्मिक नगरी के विकास पर बजट का प्रावधान लाएगी। अब तक पेश किए गए 5 बजट में सरकार ने धार्मिक नगरी के विकास को लेकर फोकस किया था। भाजपा के मुख्य एजेंडे में धार्मिक नगरी के विकास को लेकर अलग-अलग तरीके की योजनाएं चलाई जाने का प्लान किया जा रहा है।

प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने पर योगी सरकार का फोकस 2017 से जारी है। कोरोना काल में मेडिकल सेवाओं को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज और सीएससी जैसे मेडिकल सेवाओं को बेहतर किए जाने पर इस बार के बजट में खास हो सकता है।

छात्रवृत्ति: आर्थिक कमजोर बच्चों को मदद मिलेगी
बजट संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए भी खास होगा। छात्रवृत्ति बढ़ाने के लिए 10 करोड़ का बजट प्रावधान किए जाने की संभावना है। वर्तमान में कक्षा-9 से 12 तक के उत्तर प्रदेश संस्कृत बोर्ड के विद्यार्थियों या यूपी बोर्ड में संस्कृत विषय के साथ पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए अन्य विषयों के विद्यार्थियों के समान ही छात्रवृत्ति मिलती है।साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी सरकार कुछ लोकलुभावन बजट ला सकती है। 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मिशन 80 को लेकर लगातार केंद्र सरकार और यूपी सरकार काम कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि बजट में 2024 के मिशन पर पूरा फोकस रहेगा।2025 में प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के लिए बजट में आवंटन किया जा सकता है। महाकुंभ के आयोजन को लेकर अभी से तैयारियां तेज हो चुकी हैं। संगम नगरी में लगातार कुंभ की तैयारियों को लेकर कार्य किए जा रहे हैं। बजट में प्रयागराज और कुंभ में से संबंधित बजट राशि आवंटित की जा सकती है।

योगी सरकार का पहला बजट पेश हुआ था। यूपी सरकार का कुल बजट 3 लाख 84 हजार करोड़ रुपए का बजट रहा था। इस दौरान बजट में खास 36 हजार करोड़ रुपए कर्ज माफी के लिए आवंटित किए गए थे। ये बजट 2016 के बजट से 10.9 प्रतिशत अधिक था। बजट के अंदर आबकारी शुल्क से राजस्व संग्रह लक्ष्य 20 हजार 593 करोड़ 23 लाख रुपए तय किया गया है। वहीं अनुमानित राजकोषीय घाटा 2017-18 में 42967,86 करोड़ का अनुमानित था।

वर्ष 2018: दूसरा बजट 11.4% तक बढ़ गया
वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपए का बजट पेश किया था। यह पिछले वित्तीय वर्ष 2017 बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा था। यह योगी सरकार का दूसरा बजट था। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने वर्ष 2018-19 का देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के बजट को पेश किया था। इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत कई मुद्दों पर जोर देने की कोशि‍श की गई थी।

वर्ष 2019: 4 लाख 70 हजार करोड़ का पेश हुआ बजट
उत्‍तर प्रदेश का साल 2019-20 बजट पेश किया था। योगी सरकार ने इस बार 4 लाख 70 हज़ार 684 करोड़ रुपए का बजट पेश किया था। यह पिछले साल 2018-19 के बजट से 12 फीसदी ज्यादा है। योगी सरकार के बजट में गो कल्याण के लिए 500 करोड़ से अधिक का बजट पेश किया गया था।

वर्ष 2020 : वित्त मंत्री मंत्री का दावा-ये बजट सबसे बड़ा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश किया था। यूपी सरकार ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपए का बजट पेश किया था। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के मुकाबले यह बजट 33 हजार 159 करोड़ रुपए ज्यादा का था। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट पेश किए जाने का दावा था।

वर्ष 2021 : ये बजट पिछले बजट से 38 हजार करोड़ ज्यादा था
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में 5वां व पूर्ण बजट 2021-22 पेश किया। इस सत्र का कुल बजट 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ (5,50,270.78 करोड़ रुपए) का रहा। जबकि 2020-21 में बजट 5.12 लाख करोड़ रुपए का था। 2021 साल का बजट 38 हजार करोड़ रुपए ज्यादा का रहा।

दूसरी बार उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनुपूरक बजट पेश किया था। योगी 2.0 सरकार का पहला अनुपूरक बजट था। विधानसभा में 33 हजार 700 करोड़ रुपए का यह बजट ध्वनिमत से पारित हुआ था।

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