बारिश पीड़ितों को अनाज बैंक द्वारा किया गया भोजन वितरण

उरई/जालौन। भूखे व्यक्ति को भोजन करवाना समाज में सर्वाधिक पुनीत कार्य माना जाता है। बुन्देलखण्ड के पहले अनाज बैंक द्वारा यह पुनीत कार्य माह में दो बार अनाज वितरण के द्वारा किया जा रहा है। दो दिन से हो रही जल-वृष्टि से अपना कच्चा घर, सामान, खाद्य-सामग्री आदि गँवा चुके लोगों को अनाज बैंक के उरई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा मदद की गई। अनाज बैंक के सदस्यों द्वारा आज लहरियापुरवा के बाढ़ पीड़ितों के भोजन की व्यवस्था की गई। विगत दो दिन की बारिश में उरई के लहरियापुरवा क्षेत्र के कुछ कच्चे मकान गिर गए और बहुत से घरों में जलभराव की स्थिति बन गई। जिसके चलते वहां के निवासियों का घरों में रहना मुश्किल हो गया था। जलभराव और कच्चे मकान ध्वस्त होने से परेशान वहाँ के पुरुषों, महिलाओं, बच्चों को मोहल्लेवासियों की सहायता से लहरियापुरवा में ही राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत निर्मित आशय गृह (शेल्टर हाउस) में अस्थायी तौर पर निवास की व्यवस्था की गई।
अनाज बैंक उरई को इसके बारे में जानकारी मिलते ही उसके संवेदनशील सदस्यों ने तुरंत आश्रय गृह पहुँचकर जलभराव पीड़ित नागरिकों की समस्याओं को जाना-समझा। अनाज बैंक की बुन्देलखण्ड जोन की महाप्रबंधक डॉ0 अमिता सिंह ने तत्काल अनाज बैंक को खुलवाकर आश्रय गृह में अस्थायी तौर पर निवास कर रह रहे लगभग एक सौ पचास बारिश से पीड़ित नागरिकों की भोजन व्यवस्था का प्रबंध किया। उन्होंने अनाज बैंक के परिसर में अपनी देख-रेख में भोज्य-सामग्री को बनवाकर पैकेट बनवाकर वितरण हेतु भिजवाए। उन्होंने कहा कि अनाज बैंक का मुख्य उद्देश्य किसी को भूखा न रहने देना है और उसी की दृष्टि से यह कार्य किया जा रहा है। आश्रय गृह में रह रहे बच्चों, महिलाओं, वृद्धजनों, पुरुषों को भोजन वितरण में धर्मेन्द्र, मनोज दिवाकर, रोहित ठाकुर, अमर कुमार, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने सहयोग किया। आश्रय गृह में शरण लिए लोगों ने इसके लिए अनाज बैंक टीम का आभार व्यक्त किया और इसे अनमोल सहायता बताया। सदस्यों ने उनको आश्वासन दिया कि उन सबकी यथासंभव मदद की जाएगी और इसी कड़ी में शाम को भी अनाज बैंक द्वारा भोजन वितरण की व्यवस्था की गई है।

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