मांस का सेवन काफी लोग करते है जिसके कारण मुर्गी पालन बेहद तेजी से लोकप्रिय हुआ है, जिस कारण से आज कल गॉवों में भी मुर्गीपालन और अंडे की बिक्री में वृद्धि हुई है। इसलिये ग्रामीण इलाकों में सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है ताकि वे पोल्ट्री फार्म की शुरूआत करे, जिसका लाभ लेकर कई किसान बंपर सब्सिडी का लाभ ले रहे है।
असील मुर्गी का मुह लंबा और बेलन के आकार का होता है, इस नसल के मुर्गे का भार 4 से 5 किलो तक होता है। भारत देश में मुर्गो की आपस मे लड़ाई करवाई जाती है जिसमें अधिकतर असील नस्ल के मुर्गो का उपयोग किया जाता है।
बता दे कि असील नस्ल के मुर्गो को दक्षिणी पंजाब , उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और आंध्र प्रदेश, में देखा जाता है।