समय से पहले दस्तक दे रही गर्मी की वजह से महंगाई और बढ़ सकती है. खाने-पीने की चीजें महंगी हो सकती हैं. कच्चे माल की उपलब्धता पर असर पड़ने के आसार हैं. इस बार का मौसम असामान्य होने के कारण विशेषज्ञ और एजेंसियां भी बुरा संकेत देने लगी हैं. क्लाईमेट ट्रेंड की मानें तो दिसंबर का औसत तापमान 27.32 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि सामान्य 26.53 डिग्री रहा. यानी महीने के पारे में 0.79 डिग्री की वृद्धि हुई. जनवरी में 0.19 डिग्री की वृद्धि हुई. यह 25.60 डिग्री की तुलना में थोड़ा ज्यादा 25.79 डिग्री रहा.
ज्यादा गर्मी पड़ने की ये है वजह
एक्सपर्ट्स के अनुसार, उत्तर भारत में जल्दी गर्मियों के आने का बड़ा कारण सर्दियां और बारिश में लगातार कमीं होना है. दिसंबर से फरवरी में बारिश औसत से कम होने के कारण तापमान सामान्य से अधिक रहा है. समय से पहले ज्यादा गर्मी आने की वजह से सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. इससे खरीफ की फसल प्रभावित होती देखी जा सकती है. साथ ही समय पहले आ गई गर्मी की वजह से रबी की उपज पर पर भी असर देखने को मिल सकता है.
अब महंगा हो जाएगा खाने का समान
मौसम की वजह से किसान फसल बोना कम कर देगा तो शहरी लोगों को महंगी फल और सब्जियों पर निर्भर रहना होगा. जो खाने पीने की चीजों की महंगाई को बढ़ाएगा और ग्रामिण में रोजगार का संकट भी बढ़ेगा. इसी कारण गेंहू, तिलहन, दालों और दूसरे जरूरी खाने-पीने से जुड़ी चीजों के दाम बढ़ सकते हैं. बल्की दो महीने से इनके दामों में कुछ राहत थी. अब आटा, पैकेट में बंद खाने पीने के चीजें, दूध, बिजली से जुड़े उत्पाद के साथ-साथ सब्जियां भी मंहगी हो सकती है. कितना प्रभाव होगा ये अप्रैल के बाद साफ होगा.