शिक्षकों द्वारा सिर्फ खुद के प्रयोग तक स्कूलों के शौचालय सीमित

हरदोई’। न्यूज वाणी स्कूल में बच्चों के लिए बने शौचालय जैसे संसाधन उपलब्ध होने के बावजूद उन्हें दूर रख दिया जाए तो उन्हें मनमानी ही कही जा सकती है। शौचालय उपलब्ध न हो , तो कारण समझ में आता है। लेकिन शिक्षकों द्वारा सिर्फ खुद के प्रयोग तक स्कूलों के शौचालय सीमित रखना जिम्मेदारों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। कुछ ऐसा ही हाल विकास खण्ड कछौना के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सेमरा कला व प्राथमिक विद्यालय महरी द्वतीय सेमरा कला में बने शौचालयों में ताले लगे देखे जा सकते हैं। इस बारे में जानकारी करने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक कहते हैं , इन शौचालयों में होने वाली गंदगी को कोई साफ करने नहीं आता है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक विद्यालय सेमरा कला का भ्रमण किया , तो विद्यालय प्रांगण में पूर्व माध्यमिक विद्यालय में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत बालक और बालिकाओं के दो शौचालय बने हुए हैं। जिसमें से दोनों शौचालयों में स्थाई रूप से ताला पड़ा हुआ मिला। वही इसी प्रांगण में बना प्राथमिक विद्यालय सेमरा कला में बने शौचालय में भी ताला पड़ा मिला। प्राथमिक विद्यालय सेमरा कला के प्रधानाध्यापक बंशीलाल से इस संबंध में बात करने पर बताया मुझे यहां आए लगभग 2 वर्ष हो गया है। शौचालय का टैंक पूरा भरा हुआ है व लीकेज भी हैं।जिसके चलते ताला नहीं खुलवाया जाता है। इस संबंध में मैं ग्राम प्रधान को कई बार अवगत भी करा चुका हूं। बताते चलें उक्त विद्यालयों के प्रांगण में समुचित जल निकासी की व्यवस्था न होने के कारण विद्यालय के प्रांगण में पानी चारों तरफ भरा हुआ है। व बाउंड्री वाल भी नहीं है। बच्चों को अपने कक्ष तक जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विकासखंड कछौना के 149 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को जिला अधिकारी हरदोई गोद ले रखा है व नारा दिया है , ‘‘पढ़ेगा-बढ़ेगा कछौना‘‘ परन्तु शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते जिलाधिकारी का सपना कैसे पूरा होगा।

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