भुगतान व सामाजिक सुरक्षा को लेकर मुखर हुई आशा संगिनी – जुलूस की शक्ल में नारेबाजी कर पहुंची कलेक्ट्रेट – दस सूत्रीय मांगों का पीएम व सीएम को भेजा ज्ञापन
फतेहपुर। समय से कार्य का भुगतान न होने व सामाजिक सुरक्षा को लेकर गुरूवार को आशा/आशा संगिनी कर्मचारी संगठन की महिलाएं मुखर हो गईं और नहर कालोनी से जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। जहां उप जिलाधिकारी के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री को दस सूत्रीय ज्ञापन भेजकर सभी मांगों कोे पूरा किए जाने की आवाज उठाई।
आशा/आशा संगिनी कर्मचारी संगठन की जिलाध्यक्ष रानी पटेल की अगुवाई में बड़ी संख्या में कार्यकत्रियां नहर कालोनी में एकत्र हुईं। तत्पश्चात कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में बताया कि आशा व संगिनी महत्वपूर्ण कार्यों का निष्दान कर रही हैं। इसके बावजूद उनके कार्यों का भुगतान समय से नहीं होता। मांग किया कि आशा व संगिनी को राज्य कर्मचारी का दर्जा देकर आशा को न्यूनतम 18000 व संगिनी को 24000 रूपये प्रतिमाह वेतन दिया जाये, आशा व आशा संगिनी को माह में 30 से 31 दिन कार्य करना पड़ता है और भुगतान 24 दिनों का ही मिलता है इसलिए ड्यूटी को बढ़ाकर तीस दिन किया जाये, सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लेते हुए ईपीएफ और ईएसआई का लाभ दिया जाये, आकस्मिक मृत्यु होने पर पांच लाख का मुआवजा व घर के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जाये, सेवानिवृत्त पर लाभ के रूप में एकमुश्त पंद्रह लाख का भुगतान किया जाये, कोई भी राष्ट्रीय प्रोग्राम चलाया जाता है तो एक दिन का मानदेय न्यूनतम मजदूरी से कम न हो, वर्ष में दो ड्रेस का भुगतान सुनिश्चित किया जाये, विभागीय कोई पद निकलता है तो उसमें आशा व आशा संगिनी का योग्यता के अनुसार वरीयता दी जाये, प्रत्येक पीएचसी व सीएचसी के अलावा जिला अस्पताल में आशा विश्राम गृह की व्यवस्था की जाये तथा प्रत्येक जनपद में आशा व आशा संगिनी के लिए एक मीटिंग हाल की व्यवस्था की जाये। इसके अलावा एक अन्य ज्ञापन भी स्थानीय समस्याओं को लेकर सौंपा गया। इस मौके पर नीलम, गीता, सीमा, मिथलेश, अर्चना, मीना, रूपा, ममता, गुड़िया, रेनू, सुशीला, सावित्री आदि मौजूद रहीं।