फतेहपुर। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी नासिरपीर बाबा का तीन दिवसीय सालाना उर्स मुबारक सम्पन्न हो गया। हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों की भारी भीड़ रही। मजार पर फातिया पढ़ लोगों ने दुआयें मांगी। वहीं मजार के बाहर सजी विभिन्न प्रकार के व्यंजनों की दुकानों से बच्चों ने अपने मनपसंद व्यजंन का स्वाद लिया। महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री के साथ-साथ घरेलू सामान की खरीदारी की। दूसरे दिन आयोजित कव्वाली कार्यक्रम में रात भर कव्वालों ने ऐसी समा बांधी कि लोग अपने-अपने स्थान पर जमे रहे।
शबेबरात पर्व के बाद हर साल हजरत नासिरपीर बाबा का सालाना उर्स मुबारक मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी तीन दिवसीय सालाना उर्स मुबारक मनाया गया। सालाना उर्स के मौके पर मजार शरीफ को अन्दर से लेकर बाहर तक विद्युत झालरों एवं बल्बों से सजाया गया। विद्युत सजावट से दरगाह रात में रोशन रही। जनपद के कोने-कोने से बड़ी संख्या में जायरीन पहुंचे। इन जायरीनों में हर धर्म, हर जाति के लोग शामिल रहे। सभी धर्म और जाति के लोग बड़ी श्रद्धा के साथ मजार पर चादर व फूल चढ़ाने के साथ-साथ फातिहा पढ़ दुआएं मांगी। सालाना उर्स के मौके पर मजार के बाहर विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के साथ-साथ महिलाओं के श्रृंगार की सामग्री एवं घरेलू सामान की विभिन्न दुकानें सजी रहीं। इन दुकानों पर महिलाओं के साथ-साथ बच्चों की भारी भीड़ रही। बच्चों ने जहां अपने मनपसंद व्यंजन का आनन्द लिया वहीं महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री के साथ-साथ घरेलू सामान की खरीददारी की। उर्स के दूसरे दिन कव्वाली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद सहित गैर जनपद एवं प्रान्तों से आये कव्वालों ने कव्वाली प्रस्तुत कर ऐसी समा बांधी कि रात भर लोग अपने-अपने स्थान पर खामोशी से कव्वाली का लुत्फ लेते रहे हैं।