वैश्य एकता परिषद के पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बने डा. सुमंत गुप्त – निकाय चुनाव में वैश्य प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील – देश उत्थान में वैश्य समाज का रहा विशेष योगदान: साध्वी निरंजन
फतेहपुर। अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन हुआ। जिसमें समाज के लेागों ने बढ़-चढ़कर सहभागिता निभाई। शुभारंभ झंडा गीत रचयिता पदम्श्री श्याम लाल गुप्त, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भामाशाह व वैश्य रत्न गंगा प्रसाद साहू के तैलीय चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन कर मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सुमन्त गुप्त, पूर्व न्याय मंत्री राधेश्याम गुप्त ने किया।
चुनाव अधिकारी के रूप में उपस्थित पूर्व कैबिनेट मंत्री राधेश्याम गुप्त, श्रीचंद्र अग्रवाल ने चुनाव प्रक्रिया कराई। जिसमें करतल ध्वनि से डा. सुमंत गुप्त को पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोनीत किया गया। डा. सुमंत गुप्त ने कहा कि सदन ने चुनाव करके उन्हें पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है उसका निर्वहन करने में वह सदैव अग्रणी रहेंगे। उन्होने अपील किया कि निकाय चुनाव में वैश्य प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करें। मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री ने कहा कि देश के उत्थान में वैश्य समाज का योगदान रहा है। कार्यक्रम को राधेश्याम गुप्त ने भी संबोधित किया। प्रमुख समाजसेवी रहे गंगा प्रसाद को मरणोपरान्त वैश्य रत्न से सम्मानित किया गया। अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विनोद गुप्त को राष्ट्रीय प्रधान महासचिव मनोनीत किया। इस मौके पर पंकज गुप्त, कविता रस्तोगी, शोभा अग्रवाल, माया शिवहरे, सुनीता गुप्त, राम स्वरूप गुप्त, विपिन बिहारी शरन, गुरूशरन गुप्त, शैलेंद्र शरन सिम्पल, ओम प्रकाश गुप्त, सतीश दिवाकर, राधेश्याम हयारण, संजय गुप्त, नारायण गुप्त, रामेश्वर दयाल, अनूप अग्रवाल आदि मौजूद रहे।