खागा, फतेहपुर। न्यूज वाणी विद्युत विभाग की लापरवाही से आए दिन अनेक हादसे होते रहते हैं। व्यवस्था को सुधारने के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं लौट रही हैं। आज भी मार्गों के चबूतरों और जमीन पर रखे विद्युत ट्रांसफार्मर जनता के लिए खतरे की घंटी हैं। बारिश के मौसम में आस-पास से गुजरना जान जोखिम में डालने के बराबर है। नगर में नहर पटरी, जीटी रोड, बाजार, किशुनपुर रोड, नईबाजार, नौबस्ता रोड रावण मैदान समेत कई जगहों पर विद्युत ट्रांसफार्मर कम ऊंचाई पर रखे हुए हैं। जबकि रामनगर मुहल्ले में जमीन में रखा विद्युत ट्रांसफार्मर मौत की दावत दे रहा है। कम ऊंचाई पर बने चबूतरों में रखे विद्युत ट्रांसफार्मर लोगो के किये जोखिम बने है तो वहीं कई जगह ट्रांसफार्मर सड़क से सटाकर रखे हुए हैं जिनसे हर समय दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। विभाग की लापरवाही की वजह से तहसील परिसर में सत्यम सिनेमा गेट के समीप रखे ट्रांसफार्मर की केबिल बिखरी पड़ी हैं। इन ट्रांसफार्मरों के आसपास न जाली है और न ही टीपीओ स्विच लगी है। नौबस्ता रोड में रावण मैदान के पास रखे ट्रांसफार्मर में कटी फटी सुरक्षा जाली लगी है। बरसात के मौसम में इन ट्रांसफार्मरों के आसपास लटकते खुले तारों के बीच से राहगीर निकलने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासी कमल तिवारी, प्रेम शर्मा, वासुदेव साहू, अशोक सिंह, मेवालाल ने बताया कि विद्युत विभाग की लापरवाही पर कई बार अवगत कराया गया परन्तु विद्युत विभाग की संवेदनहींता के कारण पैदल राहगीरों, वाहन चालकों, आवारा मवेशियों को करंट का खतरा बना रहता है।साथ ही छोटे बच्चों के लिये सबसे अधिक खतरे का भय बना रहता है। जाली न लगी होने से गाय, भैस तथा अन्य पशु करंट में चिपककर अपनी जान तक गवां चुके हैं। परन्तु सुरक्षा के लिये कोई बंदोबस्त नही किये गए। न ही अधिकारियों ने कभी खुले में रखे इन ट्रांसफार्मरों की सुधि ली। विभागीय की इस हीला हवाली प्रवत्ति से उपभोक्ताओं में रोष व्याप्त है। वहीं इस बाबत जानकारी करने पर अधिशाषी अभियंता त्रतीय विद्युत खंड आरएन सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्र में जहां भी विद्युत ट्रांसफार्मर खुले में रखे हुए हैं। वहां सुरक्षा जाली लगवाने के लिए उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया गया है। सामान न होने की वजह से सुरक्षा जाली नहीं लग पा रही है। जैसे ही उपलब्ध हो जायेगी प्राथमिकता के आधार पर जालियां लगाने का कार्य किया जायेगा।