एनपीएस लागू किये जाने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने किया प्रदर्शन – राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर ओपीएस व्यवस्था को बहाल किए जाने की उठाई मांग
फतेहपुर। नो गारंटी नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) व्यवस्था को लागू किए जाने पर मंगलवार को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पर जमकर प्रदर्शन किया तत्पश्चात राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर गारंटीकृत पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल किए जाने की मांग की गई।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अशोक कुमार व मंत्री विनोद कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में कई विभागों के कर्मचारियों ने मिलकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया तत्पश्चात राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपकर बताया कि केंद्रीय व राज्य कर्मचारियों की ओपीएस पेंशन को बंद करते हुए एक जनवरी 2004 से या उसके बाद केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू कर दी गई है जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय परिषद और राज्य सरकार के कर्मचारियों व शिक्षकों ने एनपीएस का विरोध किया है क्योंकि एनपीएस पेंशन फंड से मिलने वाला रिटर्न एनपीएस की बाजार प्रवृत्ति के अधीन है। एनपीएस क्रियान्वयन के 18 वर्षों बाद यह स्पष्ट हो गया है कि पुरानी पेंशन योजना की तुलना में एनपीएस बहुत ही न्यून और अनिश्चित तथा बाजार के जोखिम पर आधारित है। जहां कर्मचारी के अंतिम वेतन का पचास प्रतिशत गारंटी युक्त पेंशन के रूप में ओपीएस से भुगतान किया जाता था। वहीं एनपीएस में इस तरह की कोई गारंटी नहीं है। जबकि केंद्र व राज्य सरकार दोनों के सरकारी कर्मचारी राजस्व उत्पन्न करने और सभी सरकारी नीतियों व निर्णयों को लागू करने के अलावा देश के आर्थिक व औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। इसलिए कर्मचारियों को उनकी वृद्धावस्था में सेवानिवृत्त के उपरांत बाजार के जोखिम पर छोड़ दिया जाना कतई उचित नहीं है। इसलिए एनपीएस पेंशन को वापस लेकर ओपीएस व्यवस्था बहाल की जाये। इस मौके पर राजस्व संग्रह अमीन संघ के जिला मंत्री श्याम प्रकाश तिवारी, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सरफराज हुसैन, मंत्री राम किशोर, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के अध्यक्ष विष्णु वर्मा, यूपी एजूकेशनल मिनिस्ट्रयल आफीसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल सिंह गौतम, मंत्री सुशील शुक्ला, सीनियर बेसिक संघ के अध्यक्ष लवकुश सिंह, ट्यूबवेल टेक्नीशियन संघ के अध्यक्ष महेश चंद्र जौहरी के अलावा अन्य विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे।