लोहरा बालू खनन का भांडाफोड़, रिपोर्ट दर्ज पर कार्रवाई नहीं

 

 

चित्रकूट में किशोर की मौत के बाद जागा प्रशासन, पांच पर एफआईआर दर्

 

ब्यूरो चीफ मुन्ना बक्श 

बांदा । कमासिन क्षेत्र के लोहरा में चल रहे अवैध खनन की पोल चित्रकूट के गड़ोली में किशोर की मौत के बाद खुली। हालांकि चित्रकूट प्रशासन ने किशोर की मौत का ठीकरा पूरी तरह से बांदा जिला प्रशासन पर फोड़ दिया है। उधर चित्रकूट में खदान संचालक और ठेकेदार समेत पांच लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी गई है। पूरी रात लोहरा बालू खदान पुलिस छावनी बनी रही और दोनों जिलों के प्रशासन ने मौका मुआयना किया है। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को मौके पर भारी पैमाने पर अवैध खनन मिला है।

वर्षाकाल से बंद लाल सोने का कारोबार शुरू हुआ तो बालू माफिया भी अवैध खनन को लेकर पूरी तरह से बेखौफ हो गए। ऐसी ही कुछ मनमानी कमासिन क्षेत्र की लोहरा बालू खदान में हुई। बालू खनन का पट्टा बांदा में है, लेकिन माफिया ने स्थानीय लाेगों और पुलिस प्रशासन से मिलीभगत करके चित्रकूट जिले की सीमा तक अवैध खनन कर डाला। नदियों की जलधारा में भारी भरकम मशीनों के जरिए जमकर अवैध खनन किया जा रहा है। नियम-कानून पट्टाधारक के ठेंगे पर है। चित्रकूट तक अवैध खनन करने वाले लोहरा खदान के पट्टाधारक तो केवल नजीर हैं, हर खदान में कोई न कोई ऐसा ही कारनामा हो रहा है। बालू माफिया अपनी ऊंची पहुंच और रसूख के साथ ऊपर तक पैसों की थैली पहुंचाने का दावा भी करते हैं। लोहरा खदान संचालकों ने तो बागै नदी में मौत के गड्ढे बना डाले और उनकी पोल भी खुल गई, लेकिन ऐसा ही जिले की लगभग प्रत्येक खदान में चल रहा है। मौजूदा समय में जिले की करीब आधा दर्जन मौरंग खदानें चालू हैं। नदियों में मौरंग की मात्रा कम होने के बावजूद पट्टा लेने वाले माफिया क्षेत्र के बाहर जमकर अवैध खनन कर रहे हैं। भूमिधरी जमीन से लेकर नदी की जलधारा में मशीनें गरज रही हैं। विरोध करने पर ग्रामीणों का मुंह माफिया के असलहाधारी गुर्गे बंद कर रहे हैं। ग्रामीणों के आक्रोश का नजारा रविवार को लोहरा खदान में दिखाई दिया था, जहां मशीनें धू-धूकर जलीं। हालांकि ग्रामीणों का आरोप है कि चित्रकूट के गड़ौली में बागेन नदी में अवैध खनन कर 15 से 20 फीट की गहराई तक गड्ढे कर अवैध खनन करने वाले पट्टाधारक ने खुद अपनी मशीनों को आग के हवाले कर दिया, जिससे वह बचाव कर सके। किशोर की मौत के गड्ढे में फंसकर डूब मौत मामले में राजापुर थाने में पांच लोगों पर नामजद मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। लोहरा में अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद जिम्मेदारों ने भी मौन साध लिया है। खनिज अधिकारी अर्जुन कुमार से कई बार मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया पर घंटी बजती रही और फोन नहीं उठा, जिससे बात नहीं हो सकी।

इनसेट

…फिर भी नहीं चेते जिम्मेदार

निर्धारित खनन क्षेत्र के बाहर बागेन नदी में अवैध खनन करने की गड़ौली के ग्रामीणों ने शिकायत की थी, जिसके बाद चित्रकूट प्रशासन ने जांच कराई और अवैध खनन पाए जाने पर रिपोर्ट बांदा भेजी थी। उसके बाद भी जिम्मेदार संजीदा नहीं हुए और माफिया बेखौफ हो अवैध खनन करते रहे। केवल लोहरा में ही नहीं करीब हर खदान के पट्टाधारक अवैध खनन कर राजस्व को चूना लगा रहे हैं। बवाल के बाद जागने वाले जिम्मेदार अभी मौन साधे हैं। शिकायतों की भरमार होने के बाद जांच की बात कह कागजी कार्रवाई पूरी कर क्लीन चिट देने का खेल पुराना है। ग्रामीण बताते हैं कि कमासिन के दादौ में भी यमुना नदी की कोख छलनी की जा रही है। यहां पर राघोपुर में पट्टाधारक बेखौफ होकर मौरंग खनन कर रहे हैं। प्रतिबंधित मशीनें गरज रही हैं। इतना ही नहीं केन नदी में भी बालू माफिया जमकर मनमानी कर रहे हैं।

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