मुन्ना बक्श के साथ संवाददाता ओमप्रकाश गौतम की खास रिपोर्ट
अतर्रा/बांदा | जिलाधिकारी बांदा के सख्त आदेश के बावजूद अतर्रा तहसील प्रशासन द्वारा घूर, गढ्ढे की जमीन पर बने अवैध निर्माण को नहीं हटाया जा रहा है | दिनांक 04/03/2023 को अतर्रा तहसील में आयोजित संम्पूर्ण समाधान दिवस में रघुवीर यादव पुरवा अतर्रा ग्रामीण निवासी समाजसेवी चुन्नीलाल यादव ने बताया था कि घूर गढ्ढे के लिए सुरक्षित जमीन जिसकी गाँटा संख्या 6462,6463,6464 के लगभग 7 बिस्वा रकबे को गाँव के हि रहने वाले राजा भईया पुत्र ब्रजलाल यादव एवं बंब्बू यादव पुत्र ब्रजलाल यादव ने राजस्वकर्मियो एवं तहसील प्रशासन की सह पर अवैध कब्जा करके उसमें माकन बना लिया गया है | जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि घूर गड्ढे की जगह पर मकान आदि बनाकर अन्य रूप से अतिक्रमण कर लिया गया है | जिससे श्रीमान तहसीलदार महोदय 49क की नोटिस जारी करते हुए अपने पछ में आदेशित किया था कि आप को उक्त सार्वजनिक भूमि से बेदखली कार्यवाही और क्षति पूर्ति क्यों न की जाए उक्त नोटिस तामिल को जाने के बाद प्रतिवादी द्वारा कोई आपत्ति नहीं दाखिल की गई तब तहसीलदार ने अपने आदेश 28/08/2013 द्वारा ₹640 क्षतिपूर्ति आरोपित की गई और सार्वजनिक रूप से बेदखल करने का आदेश पारित किया गया है | जिस पर जिलाधिकारी बांदा दीपा रंजन ने उपजिलाधिकारी अतर्रा को आदेशित किया था कि 1 हफ्ते के अंदर सरकारी जमीन से अवैध कब्जा मुक्त कराया जाए लेकिन आज पूरे 15 दिन बीत जाने के बावजूद भी उप जिलाधिकारी अतर्रा द्वारा अवैध कब्जा हटाने की कोई भी कार्यवाही नहीं की नहीं की गई है| जिससे उनके कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठ रहे हैं | सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार उप जिलाधिकारी कब्जा हटाने की शिकायत करने वालों को ही मानवता का पाठ पढ़ा रहे हैं |