ये कहानी है नोएडा की रहने वाली मिशिका की; जिसे उसकी मां ने साझा किया। मिशिका के इलाज के लिए उसके मम्मी-पापा क्राउड फंडिंग कर रहे हैं।
लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया भर में हर साल तकरीबन 1.50 लाख करोड़ रूपए क्राउड फंडिंग के जरिए इकट्टा किए जाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक यह रकम साल 2028 तक बढ़ कर 3.50 लाख करोड़ रुपए हो जाएगी। भारत में ही सैकड़ों वेबसाइट्स और NGO इस काम में लगे हुए हैं।
तो आइए आज देश-विदेश में अरबों के क्राउड फंडिंग के कारोबार के इतिहास, गणित, और मनोविज्ञान को समझते हैं।
क्या होती है क्राउड फंडिंग?
मान लीजिए कि कोई हालातों से मजबूर है, किसी मुश्किल में फंसा है और उसकी जेब खाली है। ऐसे में लोगों से मदद मांगने और मिलने वाली मदद को क्राउड फंडिंग यानी भीड़ से पैसे इकट्ठा करना कहा जाता है।
आप सोच रहे होंगे कि गांव के मेले में या भंडारे में तो ऐसा लंबे समय से किया जाता रहा है; इसमें नया क्या है?
सोशल मीडिया के जमाने में क्राउड फंडिंग का तरीका पूरी तरह से बदल चुका है। घर-घर जाकर या चौराहे पर बांस-बल्ली लगाकर 21, 51 और 101 रुपए वसूलने की जगह अब सोशल मीडिया के जरिए करोड़ों रुपए इकट्ठा किए जा रहे हैं। खास बात यह है कि ये रकम सिर्फ धर्मार्थ कार्यों के लिए नहीं ली जा रही। बल्कि मौजूदा वक्त में सबसे ज्यादा क्राउड फंडिंग इलाज, पढ़ाई और बिजनेस के लिए की जाती है। जैसा आपने मिशिका की कहानी में जाना।
अब आप यह समझ गए होंगे कि आजकल किसी भी जरूरत के लिए क्राउड फंडिंग का सहारा लिया जा सकता है। इसके लिए सैकड़ों वेबसाइट मौजूद हैं, जहां जाकर लोग अपने लिए क्राउड फंडिंग की अपील कर सकते हैं।
देश में ज्यादातर क्राउड फंडिंग एजुकेशन, इलाज और बिजनेस के लिए की जाती है। लेकिन कई बार लोग शादी, हनीमून या विदेश घूमने के लिए भी क्राउड फंडिंग का सहारा लेते नजर आते हैं।
कोई भी शुरू कर सकता है क्राउड फंडिंग, मौजूद हैं सैकड़ों प्लेटफॉर्म
क्राउड फंडिंग के लिए घर-घर घूमने का चलन अब नहीं रहा। सैकड़ों ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स घर बैठे यह सुविधा उपलब्ध कराते हैं। साइट पर एक प्रोफाइल बनाई जाती है। जिसमें क्राउड फंडिंग का उद्देश्य और फंडिंग लेने वाले के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है। इसके प्रचार-प्रसार का जिम्मा भी साइट का ही होता है। जिसके बदले मिलने वाले फंड का एक निश्चित हिस्सा उस वेबसाइट को जाता है। बाकी क्राउड फंडिंग करने वाले को ट्रांसफर कर दिया जाता है। कुछ क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म एक निश्चित फीस लेकर अपनी सुविधा मुहैया कराते हैं।
सरल शब्दों में कहें तो क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म्स जरूरतमंदों और मदद करने को इच्छुक लोगों के बीच पुल का काम करते हैं।