UPI ट्रांजेक्शन पर देना पड़ सकता है चार्ज,1 अप्रैल से 2 हजार रुपए से ज्यादा के पेमेंट पर 1.1% फीस

 

 

1 अप्रैल से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए किसी दुकानदार को पैसे देना महंगा होने वाला है। UPI को ऑपरेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने सर्कुलर जारी करते हुए 1 अप्रैल से 2 हजार रुपए से अधिक के मर्चेंट ट्रांजेक्शन पर प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स फीस (PPI) लगाने की सिफारिश की है। अब सरकार इस पर विचार कर रही है।

सर्कुलर के मुताबिक, 2 हजार रुपए से अधिक के UPI ट्रांजेक्शन पर 1.1% PPI फीस लगाने की सिफारिश की गई है। यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शंस यानी व्यापारियों को पेमेंट करने वाले यूजर्स को देना पडे़गा। इससे लेनदेन महंगा होने की संभावना है।

बैंक अकाउंट और प्रीपेड वॉलेट के जरिए पेमेंट करने पर नहीं लगेगा चार्ज
NPCI के मुताबिक, बैंक अकाउंट और प्रीपेड वॉलेट के जरिए पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-पीयर-मर्चेंट (P2PM) में किसी भी प्रकार का ट्रांजैक्शन फीस नहीं लिया जाएगा। NPCI इस नियम के लागू होने के बाद 30 सितंबर 2023 या उससे पहले समीक्षा करेगा।

कितना महंगा हो जाएगा पैमेंट करना
ये 1.1% का चार्ज 2 हजार रुपए से ऊपर के पैमेंट पर लगाने की सिफारिश की गई है। ऐसे में अगर आप किसी दुकानदार (मर्चेंट) को इससे ज्यादा यानी 2,500 रुपए का पैमेंट करते हैं तो इस पर 1.1% का चार्ज के रूप में 27.50 रुपए देने होंगे। ऐसे में आपको 2,500 रुपए के सामान के लिए 2,527.50 रुपए (2,500+27.50) का पैमेंट करना होगा।

फरवरी 2023 में UPI के जरिए 36 करोड़ का हुआ लेनदेन
इसी महीने 6 मार्च (सोमवार) को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने जानकारी दी थी कि पिछले 1 साल में UPI के जरिए किए जा रहे पेमेंट में 50% की बढ़ोतरी हुई है। फरवरी 2022 में UPI के जरिए पेमेंट का आकड़ा 24 करोड़ का था, जो अब बढ़कर 36 करोड़ को भी पार कर चुका है।

दुनिया के 10 देशों में यूज कर सकते हैं UPI
अभी भारत के UPI पेमेंट सिस्टम को सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) और ब्रिटेन (UK) में यूज किया जा सकता है। इसके साथ ही लगातार NPCI इसकी कनेक्टविटी को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि भारत के UPI पेमेंट सिस्टम की चर्चा ग्लोबल स्तर पर हो रही है।

UPI को NCPI ऑपरेट करता है
भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI, जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती हैं। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मेंडेटरी किया था।

UPI की लॉन्चिंग से क्रांति
2016 में UPI की लॉन्चिंग के साथ ही डिजिटल पेमेंट की दुनिया में एक क्रांति आ गई। UPI ने सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा दी। इससे पहले डिजिटल वॉलेट का चलन था। वॉलेट में KYC जैसी झंझट है, जबकि UPI में ऐसा कुछ नहीं करना पड़ता।

UPI से जुड़ी खास बातें

  • UPI सिस्‍टम रियल टाइम फंड ट्रांसफर करता है। एक एप्लीकेशन में कई बैंक अकाउंट लिंक किए जा सकते हैं।
  • किसी को पैसा भेजने के लिए आपको सिर्फ उसके मोबाइल नंबर, अकाउंट नंबर या UPI आईडी की जरूरत पड़ती है।
  • UPI को IMPS के मॉडल पर डेवलप किया गया है। इसलिए UPI ऐप के जरिए आप 24×7 बैंकिंग कर सकते हैं।
  • UPI से ऑनलाइन शॉपिंग करने के लिए ओटीपी, सीवीवी कोड, कार्ड नंबर, एक्‍सपायरी डेट आदि की जरूरत नहीं होती।
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