कालिकन मंदिर में रामलला को दूध-दही से नहला की महाआरती – विभिन्न मंदिरों समेत घर-घर हुयी पूजा, भंडारे मंे भक्तों ने चखा प्रसाद

फतेहपुर। समूचे जनपद में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के उदघोषों के बीच रामनवमी का महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। जनपद के कई मंदिरों में रामनवमी के अवसर पर महाआरती का आयोजन किया गया। महाआरती में भाग लेने के लिए सुबह ही राम भक्तों का मंदिर परिसर पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। अलग-अलग मंदिरों में निर्धारित समय पर महाआरती हुयी तत्पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया।
रामनवमी महापर्व को लेकर बूढ़े, बच्चे, जवान व युवाओं में भी खासा उत्साह देखा गया। इसके अलावा शहर के कालिकन मंदिर में मार्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की मूर्ति को पूरे विधि-विधान के साथ दूध व दही से नहलाया गया तत्पश्चात राम भक्तों ने महाआरती की। इसके अलावा देवीगंज स्थित दुर्गा माता के मंदिर में विशाल भंडारा आयोजित हुआ। जिसमें पंक्ति रूपी कतारों में बैठकर महिलाओं, बच्चों, बूढ़े, नौजवानों आदि ने प्रसाद चखा और भगवान के जयकारे लगाये। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को लेकर हिन्दू समुदाय में खासा उत्साह रहता है। हो भी क्यों न क्योंकि भगवान श्रीराम ने बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल करते हुए रावण का वध किया था। भगवान श्रीराम के आने की तैयारियों को लेकर कई दिनों से भक्त जुटे हुये थे। बाजारों में जहां रामलला की पूजा-अर्चना से सम्बन्धित सामग्री की दुकानें सजी थी। वहीं गुरूवार का दिन हिन्दू समुदाय के लिए बहुत खास रहा। आज रामनवमी पर्व का वह दिन आ ही गया जिसकी लोगों को आस थी। सुबह से ही राम भक्त मंदिरों की ओर कतारों में चले जा रहे थे। जनपद की तीनों तहसीलों के अलग-अलग मंदिरों में रामलला के जन्मोत्सव को लेकर महाआरती आयोजित करायी गयी थी। जिसमें भक्तों ने भगवान श्रीराम के गननभेदी जयकारे लगाकर महाआरती में भाग लिया। जिसके क्रम में शहर के मसवानी मुहल्ला स्थित कालिकन मंदिर में विशाल महाआरती का आयोजन किया गया। आरती में भाग लेने के लिए शहर क्षेत्र के लोग कतारबद्ध होकर मंदिर पहुंचे। मंदिर मंे जहां रामलला के दर्शन किये वहीं पुजारियों द्वारा निर्धारित समय पर भगवान श्रीराम की मूर्ति को पूरी विधि और विधान के साथ दूध, दही आदि से नहलाया गया। तत्पश्चात महाआरती की शुरूआत हुयी। महाआरती में शंखा व घण्टा की धुन के बीच भक्तों ने मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जयकारे लगाये। तत्पश्चात मंदिर परिसर में प्रसाद वितरण हुआ। जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूजा-अर्चना का यह सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। भक्तों ने आस्था के प्रतीक भगवा ध्वज को अपने-अपने घरों मंे फहराकर देश में रामराज लाने का संदेश भी दिया। प्रशासन की ओर से सुरक्षा-व्यवस्था के दृष्टिकोण से सभी मंदिरों में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी। पुलिस जवानों ने पूरी मुस्तैदी के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। कुल मिलाकर रामनवमी का महापर्व जिले में शान्तिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गया।

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