हत्यारे को उम्रकैद व पंद्रह हज़ार का जुर्माना – पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता मुहीउद्दीन का प्रयास लाया रंग – जिला जज की अदालत ने सुनाई सज़ा
फतेहपुर। छह वर्ष पूर्व हुए दिलशाद हत्याकांड में जिला जज रणंजय कुमार वर्मा की अदालत ने दोषी बसंतलाल को आजीवन कारावास व पंद्रह हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सज़ा सुनाई।
पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता मुहीउद्दीन एवं सहायक शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार दुबे व सहदेव गुप्ता की जोरदार दलीलों के बीच अदालत ने आरोपी बसंतलाल को किसी तरह की राहत न देते हुए हत्याकांड के लिये आजीवन कारावास व 15 हज़ार रुपये जुर्माना अदा करने की सज़ा सुनाई। 19 अक्टूबर 2017 को सदर कोतवाली के निबहरा निवासी दिलशाद की हुसैनगंज थाना क्षेत्र के मिश्रामऊ उसके ग़ांव में हत्या कर दी गयी थी। मृतक का शव ग़ांव के ही चंद्रपाल के ट्यूबवेल में मिला था। मृतक दिलशाद को अभियुक्त बसंतलाल शाम को खाने पीने के बहाने बुलाकर ले गया था। दिलशाद के काफी देर तक घर न पहुंचने पर पिता शफीक उर्फ लल्लू ढूढ़ते हुए ग़ांव के चंद्रपाल के ट्यूबवेल पर पहुँचा। जहां बसंतलाल को दिलशाद के शव को घसीटते हुए देखा। बसंतलाल को अपनी पत्नी व दिलशाद के बीच अवैध संबंध का शक था। मृतक दिलशाद के पिता शफीक उर्फ लल्लू ने मिश्रामऊ निवासी बसंतलाल के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। मृतक के परिजनों की तरफ से विद्वान अधिवक्ता मुहीउद्दीन एडवोकेट ने जोरदार दलीलें रखी। वहीं सहायक शासकीय अधिवक्ता अनिल कुमार वर्मा व सहदेव गुप्ता की जोरदार पैरवी के चलते अभियुक्त बसंतलाल को जिला जज रणंजय कुमार वर्मा ने अपराध को गंभीरता की श्रेणी का मानते हुए अभियुक्त को आजीवन कारावास व पंद्रह हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सज़ा सुनाई।