प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय वैदेही विहार, जरौली फेस-2 में माँ दुर्गा के पावन पर्व पर चैतन्य देवी झांकी के समापन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री शरद प्रकाश अग्रवाल (आयकर अधिकारी) शामिल हुए। शरद प्रकाश अग्रवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन करके किया। श्री शरद प्रकाश अग्रवाल जी को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया गया |
गायक अनिल कुमार द्वारा गए गए चलो बुलावा आया है भजन को सुनकर शिव बाबा के भक्त मंत्र मुग्ध हो गये।नृत्यांगना आस्था पाण्डेय (कथक, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता) द्वारा अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया |गायक सौरभ चौहान ने माँ मेरी माँ गीत प्रस्तुत किया जिसे सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्त भक्ति में झूम उठे ।बी के निवेदिता बहन द्वारा विद्यालय कि सब जोन इंचार्ज परम आदरणीया राजयोगिनी दुलारी दादी जी का माँ दुर्गा की तरह श्रंगार किया। आदरणीया राजयोगिनी दुलारी दादी जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि हम सभी परम पूज्य पिता की संतान है
हम विकारो में फंस गये है। उसे मुक्त करने के लिये ब्रह्माकुमारी आश्रम में सेवा का कार्य हो रहा है।कार्यक्रम में अतिथि के रूप में उपस्थित समाजसेवक ओम जन सेवा संस्थान संस्थापिका/अध्यक्षा माननीया सीमा अग्रहरि जी ने आदरणीया राजयोगिनी दुलारी दादी जी को स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया व उपस्थित सभी लोगों को राजयोग के लाभ के बारे में बताया । भावी पार्षद प्रत्याशी माननीया कीर्ति शनि सेंगर ने आदरणीया राजयोगिनी दुलारी दादी जी को पुष्प माला पहनाकर सम्मानित किया |कार्यक्रम में सिद्धि ने हाथ जोड़कर खड़ी हूँ तेरे द्वार भजन व श्रेया में वो आए तेरे भवन भजन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में रौनक ने दुर्गा रूप, आस्था ने लक्ष्मी रूप व पलक ने सरस्वती रूप में प्रस्तुत होकर सब का मन मोह लिया |
जरौली सेवाकेन्द्र की बी के लक्ष्मी बहन ने कहा कि इस चैतन्य झांकी से हम यह संदेश देना चाहते है कि नारी शक्ति ऐसे ही अपने आप को स्वावलम्बी बनाये। काली का रूप रखकर दुष्ट आत्मा का नाश करके हम अपने जीवन को शुद्ध और पवित्र बनाते है जो हम खाते हैं बुराईयो से कैसे हम दूर हो।किदवई नगर सेवाकेन्द्र की बी के आरती बहन ने अन्त मे शिव बाबा के सभी भक्तो को टोली दी।बी के विष्णु भाई ने ब्रह्माकुमारी चैतन्य देवियों कि महिमा के बारे में वर्णन करते हुए कहा कि जिन्होने तन मन धन जीवन एवं परिवार सब सिर्फ इसलिए समर्पित किया कि घर एक मंदिर व समाज खुशहाल बन सके ।कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया |