ओबीसी जनगणना न कराये जाने पर दिया धरना – राष्ट्रपति को ज्ञापन भेज मांगों को पूरा किए जाने की उठाई आवाज – मांगे पूरी न होने पर आगे के आंदोलन की बनी रणनीति
फतेहपुर। जाति आधारित जनगणना न कराये जाने से नाराज राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के पदाधिकारियों ने नहर कालोनी प्रांगण में चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में धरना दिया। तत्पश्चात राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर जाति आधारित जनगणना कराये जाने की मांग उठाई। धरने पर बैठे वक्ताओं का कहना रहा कि यदि मांगे पूरी न हुई तो आगामी 17 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर रैली व प्रदर्शन करके तीस अप्रैल को भारत बंद का ऐलान किया जायेगा।
बुधवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के जिलाध्यक्ष की अगुवाई में पदाधिकारियों ने नहर कालोनी प्रांगण में धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि नीरव मोदी, ललित मोदी व मेहुल चौकसी पर देश का पैसा लूटकर विदेश भागने वाले आरोप पर राहुल गांधी को दो साल की सजा व उनकी संसद से सदस्यता समाप्त कर दी गई। भारतीय जनता पार्टी के लोग स्वयं को बचाने के लिए राहुल के बयान को ओबीसी का अपमान बता रहे हैं जबकि पैसा लूटकर भागने वाले एक भी ओबीसी नहीं है। देश में आरएसएस व भाजपा की सरकार है। इसके बावजूद ओबीसी की गिनती नहीं कराई जा रही है। प्रधानमंत्री स्वयं ओबीसी हैं इसके बावजूद भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया है कि वह ओबीसी की गिनती नहीं करेगी। आरएसएस व भाजपा द्वारा ओबीसी की गिनती का विरोध करना ही ओबीसी समाज का सबसे बड़ा अपमान है। धरने के पश्चात राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर मांग की गई कि निजी क्षेत्रों में एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण लागू किया जाये, एमएसपी की गारंटी कानून बनाकर किसानों को दिया जाये, एनआरसी, एनपीआर व सीएए खत्म किया जाये, पुरानी पंेशन स्कीम बहाल की जाये। इसके अलावा अन्य मांगे भी शामिल हैं। यदि इन मांगों को पूरा न किया गया तो चरणबद्ध आंदोलन के क्रम में रैली व प्रदर्शन के साथ भारत बंद का ऐलान किया जायेगा। इस मौके पर कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।