बिहार में सीमांचल के कई जिलों में बुधवार सुबह साढ़े 5 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। सहरसा, मधेपुरा, कटिहार, किशनगंज,पूर्णिया, अररिया में ये झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.3 मापी गई है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र रानीगंज और बनमनखी के बीच रहा। भूकंप से फिलहाल किसी भी तरह की नुकसान की जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।
बता दे किस सीमांचल के कई इलाके में सुबह-सुबह अचानक से भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसके बाद घबराहट में कई लोग आनन-फानन में अपने घरों से बाहर निकल गए। मिली जानकारी के अनुसार पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था।
इससे पहले रविवार और सोमवार को भी देर रात 2 बजे करीब अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। वहीं पश्चिम बंगाल में भी मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। जहां तीव्रता 4.1 थी।
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
भूकंप की तीव्रता का अंदाजा उसके केंद्र (एपिसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है। सैकड़ों किलोमीटर तक फैली इस लहर से कंपन होता है। धरती में दरारें तक पड़ जाती हैं। भूकंप का केंद्र कम गहराई पर हो तो इससे बाहर निकलने वाली ऊर्जा सतह के काफी करीब होती है, जिससे बड़ी तबाही होती है।