गांव को टीबी मुक्त बनाने को आगे आयें प्रधान – संवेदीकरण कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी ने किया आह्वान – कहा कि टीबी मुक्त देश बनाने के लिए जनभागीदारी बहुत जरूरी

फतेहपुर। टीबी मुक्त ग्राम पंचायत अभियान के तहत ब्लाक के ग्राम प्रधानों एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों का एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन खंड विकास अधिकारी कार्यालय खजुहा पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ निशात शहाबुददीन के निर्देशन में हुआ। इसके माध्यम से प्रतिनिधियों को टीबी की बारीकियों के बारे में जागरूक किया गया। इस दौरान यह भी बताया गया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाना है तो सभी को कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना होगा। इस अवसर पर एमओआईसी डा. धर्मेंद्र ने ब्लाक को टीबी मुक्त बनाने में ग्राम प्रधानों को आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वह अपनी-अपनी ग्राम पंचायतों में लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करें। सभी के सहयोग से ही यह अभियान सफल हो सकता है। पंचायतें हमारे देश की पहली इकाई हैं। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य में यह एक अहम पहल है। पंचायतों के माध्यम से हम हर गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचकर जनपद को टीबी मुक्त कर सकते हैं।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक राकेश ने प्रधानों और ग्राम पंचायत अधिकारियों से कहा कि आप अपने क्षेत्र में लोगों को टीबी के लक्षणों, जांच और इलाज के बारे में जागरूक करें। उन्हें बताएं कि इस रोग को छिपाएं नहीं बल्कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच और इलाज कराएं। उन्होंने टीबी को लेकर जो भ्रांतियां हैं उनके बारे में कहा कि लोगों को इसकी जानकारी देनी बहुत जरूरी है कि सभी अंगों की टीबी संक्रामक नहीं होती है। केवल फेफड़ों को टीबी ही संक्रामक होती है। थोड़ी से सावधानी बरत कर हम संक्रमण को रोक सकते हैं। टीबी रोगी के साथ कोई भेदभाव न करें बल्कि सहयोगी बनकर जल्दी स्वस्थ बनाने में मददगार बनें। टीबी से उपचार में रोगी की पहचान, इलाज और बचाव टीबी उन्मूलन रणनीति के मुख्य तीन स्तंभ हैं जबकि चौथा स्तंभ इससे संबंधित नीतियां और इंफ्रास्ट्रक्चर है। इस मौके पर टीबी इकाई से टीबीएचवी मोहम्मद फैज, एसटीएस राशिद हुसैन और कुल 35 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे।
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यह हैं टीबी के लक्षण
यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक समय तक खाँसी आए, शाम के समय बुखार आए, सीने में दर्द हो, थकान लगे, बलगम में खून आये, रात में पसीना आता हो या लगातार वजन घट रहा हो या लंबे समय तक शरीर के किसी भी अंग में दर्द रहे तो पास के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर टीबी की जांच कराएं।
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निक्षय पोषण योजना
स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और इलाज की पूरी सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत क्षय रोगियों को इलाज के दौरान हर माह 500 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में भेजे जाते हैं।

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