पूरी दुनिया में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं। फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मार्च के पहले 12 दिनों में जंगल की आग की घटनाओं में 115% की वृद्धि देखी गई है। जंगल की आग पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रही है, इस आग से निकलने वाला धुआं और केमिकल ओजोन की परत को भी क्षति पहुंचा रहा है।
साइंस जर्नल नेचर में छपी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्य़ूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के वैज्ञानिकों की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कण रासायनिक प्रतिक्रिया शुरू कर देते हैं जिससे ओजोन की परत को नुकसान पहुंचता है। इस केमिकल रिएक्शन के चलते ओजोन की परत में छेद बनने लगे हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक ओजोन की परत में छेद होने से सूरज से आने वाली पराबैंगनी किरणें धरती के वायुमंडल में प्रवेश कर जाती। इससे पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को नुकसान पहुंचता है। इंसानों में पराबैंगनी किरणों के चलते त्वचा का कैंसर, सांस से संबंधित रोग, अल्सर, मोतियाबिंद जैसी बीमारियां हो सकती हैं।