प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रोजगार मेले में 71 हजार से ज्यादा युवाओं को जॉब अपॉइंटमेंट लेटर दिया। पीएम इस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के अलग-अलग डिपार्टमेंट में नौकरी पाने वाले सभी युवाओं और उनके परिवार को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने युवाओं से कहा कि मैं अपने आप को हमेशा एक विद्यार्थी मानता रहा हूं। मैं कभी ये नहीं सोचता कि मुझे सब कुछ आता है और अब कुछ सीखने की जरूरत नहीं है। आप भी कभी ऐसा मत सोचना कि आप सब कुछ सीख गए हैं। सीखने के लिए हमेशा तैयार रहना।
बता दें कि रोजगार मेला केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक पहल है। सरकार का उद्देश्य है कि इसके जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया जा सके। सरकार का मानना है कि रोजगार मेला से जॉब क्रिएट करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
1. कोरोना ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को गिराया, पर हम मजबूत खड़े रहे
आज भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। पूरी दुनिया कोविड के बाद मंदी से जूझ रही है, ज्यादातर देशों की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है। बावजूद इसके दुनिया भारत को एक चमकते बिंदु की तरह देख रही है।
2. स्टार्टअप ने 40 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा की हैं
आज युवाओं के सामने कई ऐसे सेक्टर खुल गए हैं जो 10 साल पहले युवाओं के सामने उपलब्ध ही नहीं थे। स्टार्टअप का उदहारण हमारे सामने है। इसे लेकर आज भारत के युवाओं में जबरदस्त उत्साह है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्टअप ने 40 लाख से ज्यादा डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट जॉब क्रिएट की हैं। ऐसा ही ड्रोन सेक्टर भी है। वहीं, बीते 8-9 सालों में देश के स्पोर्ट्स सेक्टर का भी कायाकल्प हो गया है।
3. आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सैटेलाइट भी देश में बन रहीं
‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की सोच और अप्रोच स्वदेशी अपनाने और ‘वोकल फॉर लोकल’ से कहीं ज्यादा है। यह गांव से लेकर शहरों तक, भारत में रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने वाला अभियान है। आज आधुनिक सैटेलाइट से लेकर सेमी हाई स्पीड ट्रेन तक भारत में ही निर्मित हो रही हैं। 2014 से पहले के समय में रेलवे लाइन को इलेक्ट्रिफाई करने में 7 दशक का समय लगा था। 2014 के बाद हमने 9 साल में 40 हजार से लंबी रेलवे लाइन को इलेक्ट्रिफाई किया।
4. डिफेंस इक्विपमेंट भी देश में ही बनाए जाएंगे
हमारे देश में दशकों तक यह अप्रोच भी हावी रही कि डिफेंस इक्विपमेंट बाहर से ही लाए जा सकते हैं। हम अपने देश के निर्माताओं पर उतना भरोसा नहीं करते थे। हमारी सरकार ने इस अप्रोच को भी बदला। हमारी सेना ने 300 से ज्यादा ऐसे साजो-सामान और हथियारों की लिस्ट तैयार की है, जो अब भारत में ही बनाए जाएंगे और भारतीय इंडस्ट्री से ही खरीदे जाएंगे।
5.टॉय इंडस्ट्री के कायाकल्प ने रोजगार के मौके बढ़ाए
दशकों तक भारतीय बच्चे विदेश से इम्पोर्ट किए खिलौनों से ही खेलते रहे। न तो उनकी क्वालिटी अच्छी थी और न ही वे भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे। हमने आयात होने वाले खिलौने के लिए क्वालिटी पैरामीटर तय किए और अपनी स्वदेशी इंडस्ट्री को बढ़ावा देना शुरू किया। 3-4 वर्ष में ही टॉय इंडस्ट्री का कायाकल्प हो गया और रोजगार के कई नए अवसर तैयार हुए।
6. 9 साल में सरकार ने पहले की अपेक्षा 4 गुना बढ़ाया कैपिटल एक्सपेंडिचर
रोजगार पैदा करने का एक और पक्ष है इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में सरकार की तरफ से किया गया निवेश। जब सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च करती है तो बड़े पैमाने पर रोड, रेलवे, पोर्ट समेत बहुत सी चीजें तैयार हो जाती हैं। देश में 9 साल में कैपिटल एक्सपेंडिचर 4 गुना तक बढ़ गया है। इससे न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि लोगों की आय भी बढ़ गई है।
ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, क्लर्क जैसे पदों पर होगी भर्ती
PMO के मुताबिक देश भर से चयनित युवाओं को भारत सरकार के तहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, सीनियर कमर्शियल सह टिकट क्लर्क, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, जूनियर अकाउंटेंट, पोस्टल असिस्टेंट, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स असिस्टेंट, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई/सुपरवाइजर, असिस्टेंट प्रोफेसर, टीचर, लाइब्रेरियन, नर्स, प्रोबेशनरी ऑफिसर्स, पीए, एमटीएस जैसे विभिन्न पदों पर तैनात किया जाएगा।