18 सेकेंड में 20 गोलियां, वो पिस्टल जिससे अतीक-अशरफ की हत्या हुई, सिर्फ तुर्किये में बनती है

 

 

माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या में नया खुलासा हुआ है। पुलिस ने हत्यारों के पास से जो पिस्टल बरामद की है, वो तुर्किये में बनती है। भारत में इस पिस्टल पर बैन है। कहा जा रहा है कि इसी पिस्टल से पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला को भी मारा गया था। ऐसे में आइए जानते हैं इस पिस्टल की क्या है खासियत? आखिर कैसे हत्यारों के पास ये पिस्टल पहुंची?

अतीक-अशरफ को मारने वाले तीनों शातिर अपराधी हैं 

पुलिस ने तीनों हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया है। इनसे पूछताछ हो रही है। अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडियाकर्मी बनकर आए थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हमलावर अलग-अलग जिलों से आए थे। तीनों 48 घंटे से प्रयागराज में एक होटल में कमरा लेकर रूके थे।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर और सनी कासगंज का रहने वाला है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि तीनों हत्यारोपियों पर पहले से आपराधिक मामले दर्ज हैं। मालूम चला है कि शूटर अरुण पर पहले से एक हत्या का मामला दर्ज है। दूसरे हत्यारोपी सनी पर 15 मामले चल रहे हैं। लवलेश पर भी पहले से मुकदमा दर्ज है।

अतीक और अशरफ की हत्या करने हमलावर जिस बाइक से आए थे, उसके बारे में भी खुलासा हुआ है। पता चला है कि ये UP70M7337 नंबर की बाइक सरदार अब्दुल मन्नान खान के नाम से रजिस्टर्ड है। यह नंबर हीरो होंडा की पुरानी गाड़ी CD-100ss बाइक पर दर्ज है। जिसे तीन जुलाई 1998 को कैश देकर खरीदा गया था। बाइक कहां से लाई गई थी और किसने हत्यारों को दी, इसकी भी जांच चल रही है।

सूत्रों के अनुसार, पुलिस की पूछताछ में तीनों ने कहा है कि वह बड़ा माफिया बनना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। तीनों हत्यारों ने कहा कि वह कब तक छोटे-मोटे शूटर बने रहेंगे।  सूत्रों के मुताबिक, आरोपी सनी सिंह पहले भी जेल जा चुका है और जेल में ही वह भाटी गैंग के मुखिया सुंदर भाटी का खास बन गया है। उसके ऊपर सुंदर भाटी के लिए भी काम करने का आरोप है।

आरोपियों के पास कहां से आई ये पिस्टल?

अतीक और अशरफ की हत्या में जिगाना मेड पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है। तुर्की में बनने वाली यह पिस्टल पांच से छह लाख रुपये की आती है। भारत में इस पर प्रतिबंध है इसलिए दूसरे देशों से इसे अवैध तरीके से भारत लाया जाता है। कहा जाता है कि इस पिस्टल में एक बार में 17 गोलियां लोड होती हैं। अतीक अहमद की हत्या में भी देखा गया कि तड़ातड़ कई फायर एक साथ किए गए। कहा जा रहा है कि यह उसी मॉडल की पिस्टल है जिसका इस्तेमाल सिद्धू मूसेवाला की हत्या में किया गया था।
क्या है इस पिस्टल की खासियत? तुर्की में बनने वाली जिगाना मेड पिस्टल का प्रयोग मलेशियाई आर्मी, अजरबैजान आर्मी, फिलिपिन आर्मी भी करती है।

ये पिस्टल पूरी तरह से ऑटोमेटिक होती है और एक बार में ही कई राउंड फायरिंग किया जा सकता है।

पाकिस्तान के रास्ते इसकी सप्लाई अवैध तरीके से भारत में होती है। कहा जाता है कि ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से इसे भारत में सप्लाई किया जाता है।

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