मुन्ना बक्श के साथ संवाददाता ओमप्रकाश गौतम की रिपोर्ट
अतर्रा/बांदा | प्रकृति के संरक्षण के लिए सरकारों द्वारा करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं ताकि प्राकृतिक संतुलन बना रहे | परंतु सिस्टम पर इस तरह के भी लोग बैठे है कि वह आंख मूदकर हरे पौधों को नष्ट कर रहे हैं |
अतर्रा के वार्ड नं 5 के रहने वाले अभय सिंह ने अपने सोशलमीडिया एकाउंट में एक वीडियो डालते हुए लिखा है कि अतर्रा नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा हरे बबूल के पेड़ों के पास कचड़ा डालकर उसमें आग लगा दी जाती है जिससे हरे भरे पौधे जलकर खाक हो जाते हैं | जिससे यह साफ जाहिर होता है कि अतर्रा नगर पालिका के हुक्मरान प्रकति के रक्षक नहीं अपितु भक्षक की भूमिका में नजर आ रहे हैं |
अतर्रा नगर पालिका विगत कुछ वर्षों से पूरी तरह से भ्रष्टाचार में समा गई है जिसका परिणाम भी शहर वासियों देखने को मिल रहा पालिका की किसी भी गली में देखिये गंदगी का अंबार दिखाई देगा नालियों के हालात यह है कि गंदगी से पटी पडीं है | अपने व्यकितगत शानों शौकत के लिए अधिकारियों के पास तमाम बजट है परंतु यदि किसी सार्वजनिक काम के लिए कहा जाए तो पालिका के पास बजट ही नहीं होता है |
बहरहाल संम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है , और अतर्रा में भी दर्जनों लोग पालिका के उद्धार का दम्भ भर रहे हैं, परंतु कस्बे की जनता भी इस बार अपना प्रतिनिधि ईमानदार और टिकाऊ चुने यही आशा है |