भीषण गर्मी शुरू होते ही प्रदेश में बढ़ी बिजली कटौती, ग्रामीण क्षेत्रों में 10-12 घंटे बिजली गुल

 

 

भीषण गर्मी शुरू होते ही यूपी में बिजली कटौती की मार पड़ने लगी है। पीक समय की मांग और आपूर्ति में 1200 मेगावाट का अंतर है। इसी का नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग समय पर 10-12 घंटे तक की कटौती हो रही है। ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, मई-जून में यूपी की डिमांड 28000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में यूपी को सभी स्रोतों से 22800 मेगावाट की ही आपूर्ति हो पा रही है, जबकि पीक आवर्स में डिमांड 24000 मेगावाट तक है।

उत्तर प्रदेश के कमोबेश सभी इलाकों में पारा 40 डिग्री सेंटीग्रेड को पार कर गया है। रोस्टर के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए।  ग्रामीण इलाकों में औसतन 16 घंटे 46 मिनट आपूर्ति हो पा रही है। बुंदेलखंड में भी रोस्टर से आधा घंटा कम आपूर्ति की बात विभागीय रिकॉर्ड में स्वीकार की जा रही है।

हकीकत में प्रदेश के सभी हिस्सों के ग्रामीण इलाकों में इससे कहीं ज्यादा कटौती हो रही है। चंदौली, देवरिया, कौशाम्बी, अम्बेडकरनगर और बरेली समेत तमाम जिलों में यही स्थिति है। ग्रामीणों का कहना है कि 10-12 घंटे से ज्यादा बिजली उन्हें ऊपर से ही नहीं मिल पा रही है। स्थानीय स्तर पर कोई फॉल्ट आने पर मुसीबत और बढ़ जाती है। कई शहरों व कस्बों से भी बीच-बीच में कटौती की शिकायतें आ रही हैं।

रात 8-12 बजे के बीच के पीक आवर्स (अधिकतम मांग वाले घंटों) में मांग 24 हजार मेगावाट तक पहुंच रही है। बुधवार को केंद्रीय पूल से यूपी को 9235 मेगावाट और यूपी उत्पादन निगमों के पॉवर हाउस से 3506 मेगावाट बिजली मिली। इसी तरह से रिलायंस व बजाज समेत निजी क्षेत्र की इकाइयों से करीब 10059 मेगावाट बिजली का इंतजाम हो पाया।

अपने स्रोतों से भी आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास
पॉवर कॉर्पोरेशन ने आपूर्ति बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास करने शुरू कर दिए हैं। एटा की निर्माणाधीन जवाहरपुर सुपर थर्मल पॉवर परियोजना को जल्द पूरा करने का दबाव साफ दिख रहा है। 15 मई तक इस परियोजना की एक इकाई से 660 मेगावाट बिजली उत्पादन की उम्मीद है। कुल क्षमता 1320 मेगावाट की है, जबकि दूसरी इकाई भी शीघ्र चालू करने के लिए परियोजना के काम में तेजी लाने के लिए कहा गया है।

बिजली आपूर्ति सुचारू रखने के लिए की जाए तैयारी : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव डीएस मिश्रा ने भी समीक्षा बैठक में कहा कि गर्मी में बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए तैयारी की जाए। यह सुनिश्चित करें कि बिजली आपूर्ति बाधित होने पर उसका जल्द समाधान मिले। ट्रांसफार्मर और फीडर के अपग्रेडेशन और क्षतिग्रस्त लाइनों को बदलने के लिये बजट स्वीकृत किया जा चुका है। इसे समय से पूरे करा लें।

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