वैवाहिक साइट पर एनआरआई की फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिलाओं से दोस्ती कर ठगी करने वाले दो नाइजीरियाई को साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी साल 2018 से बिना वैध दस्तावेज के दिल्ली में रह रहे थे। इनके कब्जे से पुलिस ने व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के लिए इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय सिम कार्ड जब्त किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी चार साल में सात सौ से अधिक महिलाओं से करोड़ों की ठगी कर चुके हैं।
रानी बाग निवासी युवती ने बाहरी जिला साइबर सेल में ठगी की शिकायत दी। उसने एक वैवाहिक साइट पर प्रोफाइल बनाया जहां पर वह अहमद नफीस से ऑनलाइन मिली। दोस्ती के अनुरोध को उसने स्वीकार कर लिया। आरोपी ने उसे व्हाट्सएप पर संदेश करना शुरू कर दिया और दोनों ऑनलाइन दोस्त बन गए। आरोपी ने खुद को कैलिफोर्निया, यूएसए का निवासी बताया। अहमद नफीस ने एक दिन बताया कि वह उसे एक उपहार पार्सल से भेज रहा है और उसने पार्सल का फोटो भी भेजा। बाद में उसे रिया मेहता नाम की महिला का भी फोन आया जिसने उसे बताया कि वह कस्टम विभाग से है।
गिफ्ट पार्सल के लिए कस्टम ड्यूटी और अन्य टैक्स के नाम पर उससे 2.40 लाख रुपये ठग लिए। उसके बाद नफीस ने भी फोन बंद कर लिया और अपना प्रोफाइल हटा दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
तकनीकी जांच के बाद दबोचा
निरीक्षक संदीप पंवार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने कथित वैवाहिक साइट के प्रोफाइल और नंबरों की जांच की। तकनीकी जांच के बाद पुलिस ने दिल्ली के निलोठी एक्सटेंशन में छापा मारा। वहां से पुलिस ने दो अफ्रीकी नागरिक इग्वेम्मा जेम्स (33) और चीफ मंडे (27) को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि वह साल 2018 में भारत आए और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे थे।
आरोपियों ने बताया कि वारदात में नोनसो और उसकी पत्नी भी शामिल हैं। नोनसो के सहयोगियों के बैंक खातों में ठगी के पैसा ट्रांसफर होते थे। वह अपना कमीशन लेकर उन्हें पैसे देता था। नोनसो ही उन्हें कस्टम अधिकारी बनकर बात करने वाली महिला मुहैया करवाता था। सैमसन उन्हें उत्तर पूर्वी राज्य में रहने वालों से ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए फोन और सिम कार्ड मुहैया करवाता था।