परिवहन निगम की वेबसाइट के सर्वर पर साइबर हमला कर डाटा हैक किया गया है। साथ ही बिटकॉइन में 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है। साइबर हमलावरों ने दो दिन का वक्त दिया है और तय वक्त में फिरौती न देने पर यह रकम बढ़ाकर 80 करोड़ करने की धमकी दी है।
निगम के जीएम आईटी यजुवेंद्र सिंह ने बुधवार देर रात साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इस पर पुलिस ने तफ्तीश शुरू कर दी है। परिवहन निगम ने ओरियन प्रो कंपनी ऑनलाइन टिकटिंग सिस्टम की जिम्मेदारी दे रखी है। कंपनी के डाटा सेंटर पर मंगलवार को साइबर हमला हुआ। इससे सर्वर का पूरा डाटा हैक हो गया। ई-टिकटिंग व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अटैक के साथ ही सर्वर पर फिरौती का मैसेज फ्लैश कराया गया यह हमला रैनसमवेयर है। ऐसे हमलों में फिरौती मांगने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। हमले में सर्वर की फाइलों को इनक्रिप्ट कर दिया गया है और डिजास्टर रिकवरी क्लाउड का भी डाटा इनक्रिप्ट हो गया है। अब डाटा का रिकवरी कर पाना बेहद मुश्किल है।
साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि साइबर सिक्योरिटी ऑडिट हर छह माह में जरूर कराएं। ऑडिट समय पर न होने की स्थिति में साइबर हमलों का खतरा बढ़ जाता है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की ऑनलाइन सेवाएं बहाल होने में सात दिन लगने की उम्मीद है। हालांकि रोडवेज ने वैकल्पिक व्यवस्था पर काम करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि एक निजी कंपनी मेसर्स ओरियन प्रो को रोडवेज का काम दिया गया था लेकिन चार दिन बाद ही उसका डाटा हैक होने से ऑनलाइन टिकटिंग सेवा और इलेक्ट्रॉनिक टिकट मशीन काम नहीं कर रही हैं। बसों में मैनुअल टिकट बनाए जा रहे हैं, जिससे रोजाना दो से तीन करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका है।
रोडवेज अफसरों की प्राथमिकता है कि मेसर्स ओरियन प्रो का हैक डाटा वापस लाकर सेवाएं बहाल कराई जा सके। वहीं, सूत्र बताते हैं कि यह आसान नहीं है। ऐसे में रोडवेज अपना एप्लीकेशन तैयार कर रहा है। पहले चरण में इस पर चार हजार रूट फीड करके बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा। हालांकि इसमें सात दिन तक लग सकते हैं।