7 साल तक जीजा ने किया रेप, 3 बार गर्भवती हुई, भाई गलत जगह छूता, बुआ बोलती कि जीजा-साली में ये सब चलता है 

 

एक लड़की, उम्र करीब 25 साल, जिसके साथ उसके जीजा ने 7 साल तक रेप किया। बुआ का लड़का भी उसे गलत जगह छूता, घटिया बातें करता। लड़की इन सात सालों में 3 बार गर्भवती हुई। पेट दर्द करता, वो चीखती-चिल्लाती तो बुआ दर्द की दवा बताकर कोई दवा खिला देती। इससे दर्द शांत भी हो जाता। लड़की को बाद में पता चला कि वो दर्द की नहीं एबॉर्शन की दवा है।

लड़की ने सारी बात जब अपने पिता को बताई तब आरोपियों पर FIR दर्ज हुई। उसका जीजा डेढ़ महीने तक जेल में बंद भी रहा। लेकिन उसके बाद उसे जमानत मिल गई। पीड़िता का कहना है कि जीजा की कई वकीलों और नेताओं तक अच्छी पहुंच है, जिसका इस्तेमाल करके वो बाहर आ गया। पीड़िता आज भी इंसाफ के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ रही है।

क्या है उसकी पूरी कहानी? उन सात सालों में उसके साथ क्या-क्या हुआ? यह सब जानने के लिए हमने पीड़िता से मुलाकात की। चलिए पीड़िता की पूरी कहानी पन्ने दर पन्ने जानते हैं…

6 साल की थी तब मां की मौत हो गई, पिता ने दूसरी शादी कर ली
जैसे ही हम लड़की के घर लखनऊ के बिजनौर थाना क्षेत्र पहुंचे वो बाहर आती है। लंबी कद काठी, गुलाबी सूट में लाल दुपट्टा ओढ़े हुए। उसे देखते ही मन में ख्याल आया कि ये वही लड़की है जिसके साथ 7 साल तक लगातार बदसलूकी हुई।

जब हमने पीड़िता से बातचीत करनी शुरू की तो उसने सबसे पहले अपनी मृत मां का जिक्र किया। उसने बताया कि साल 2004 की बात है। मेरी उम्र करीब 6 साल रही होगी। घर के बाहर मैं, मेरे दो भाई और बहन साथ में खेल रहे थे। थककर जब अंदर आए तो देखा कि मां लेटी हुई है। आमतौर पर वो दिन में आराम नहीं करतीं थीं। हमने आवाज लगाई, उठाया तो पैरों तले जमीन खिसक गई। मां हमें छोड़कर हमेशा के लिए चली गई थी। वो काफी लंबे वक्त से बीमार थी।

कुछ दिन तो हम दिन रात मां को याद करके रोते रहते थे। फिर पापा ने हमें समझाया। कुछ दिन हम नानी के घर रहे। जब अपने घर वापस आए तो पापा ने हमारी पूरी जिम्मेदारी उठा ली। दो साल जैसे-तैसे कटे लेकिन अब बहुत मुश्किल हो रही थी। हम सब बहुत छोटे थे, पापा हमें भी संभालते और काम पर भी जाते। इसलिए रिश्तेदारों ने कहा कि पापा को दूसरी शादी कर लेनी चाहिए। उन्होंने मां की एक रिश्तेदार से ही शादी कर दी। करीब 6 साल तक सब ठीक था। फिर एक दिन पापा पर एक मुकदमा लगा दिया गया। पापा दोषी थे या नहीं मुझे नहीं पता लेकिन उन्हें जेल हो गई।

बुआ घर ले गईं, स्कूल में एडमिशन कराया लेकिन जाने नहीं देती
लड़की ने बताया कि पापा को जेल हो गई तब हमारी बुआ घर आईं। उन्होंने मेरी दूसरी मां से कहा कि तुम्हारे अपने भी बच्चे हैं, तुम सबको साथ में कैसे पालोगी। इसलिए मुझे और मेरे छोटे भाई को बुआ ने अपने साथ ले जाने की बात कही। उन्होंने कहा वो बीमार रहती हैं तो मैं उनका ध्यान भी रखूंगी साथ ही वहां मेरी पढ़ाई भी अच्छे से हो जाएगी।

मेरी दूसरी मां को भी लगा कि पापा नहीं हैं तो वो अकेले हमें कैसे पालेंगी। इसलिए उन्होंने हम दोनों को बुआ के साथ भेज दिया और मेरे बाकी भाई-बहन और बच्चों को लेकर अपनी मां के घर चली गईं। इधर हम बुआ के घर पहुंच गए। बुआ के दो लड़के और एक लड़की थी। लड़की की शादी हो चुकी थी। उनके घर में कुछ दिन तो सब ठीक था। मेरा भाई बाहर से सामान लाता और फूफाजी का काम देखता था और मैं घर का चौका-बासन करती, बुआ का भी ध्यान रखती।

मुझे पढ़ना पसंद था तो बुआ ने स्कूल में मेरा एडमिशन करवा दिया। यह स्कूल बुआ के किसी जानने वाले का ही था। इसलिए कुछ दिन तो मैं स्कूल गई फिर बुआ कोई ना कोई काम का बहाना करके रोक देती। बुआ कहती कि वो स्कूल उनके रिश्तेदार का है इसलिए वहां रोज जाना जरूरी नहीं है। मैं बस महीने में 2-4 दिन ही स्कूल जा पाती थी।

बुआ ने उसी कमरे में सोने के लिए भेजा जहां जीजा सो रहे थे
अब वो लड़की बस घर का काम संभालती और बुआ के घर में सबकी देख रेख करती। वो बताती है कि कुछ दिनों के लिए वो अपने भाई-बहन और मां से मिलने आई थी। 4-5 दिन बाद बुआ ने जीजा को मुझे वापस अपने घर बुलाने के लिए भेज दिया। बुआ ने मां से कहा कि उनके बड़े बेटे का तिलक है, मैं घर पर रहूंगी तो काम में मदद हो जाएगी। मां ने जीजा के साथ वापस भेज दिया।

जीजा रास्ते में कई बार मुझे गलत जगह छूते, मुझसे अश्लील बातें कर रहे थे लेकिन मैं इतनी नासमझ थी कि कुछ समझ नहीं पाई। हम घर पहुंचे। मैं बहुत खुश थी कि अगले दिन भाई का तिलक है, लेकिन नहीं पता था कि वो मेरी जिंदगी का सबसे दर्दनाक दिन होने वाला है। रात में कमरों में सबके सोने के लिए गद्दे बिछाए गए। सब अपनी जगह पर लेट गए तो जीजा बाहर आए, बोले कि मेरे सिर में दर्द हो रहा है।

बुआ ने मुझे वो कमरा दिखाया जहां जीजा सोने वाले थे और बोलीं कि वहां जाओ, जीजा का सिर दबा दो और तुम उसी कमरे में सो जाना। मैं कमरे में गई। वहां दो बूढ़ी दादी पहले से लेटी हुईं थीं। जीजा का सिर दबाया फिर मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने के लिए बाहर जाने लगी। तभी जीजा बोले कि पानी यहां रखा है वही पी लो। यह बोलकर उन्होंने मुझे एक बोतल दी। मैंने पानी पिया और लेट गई।

सुबह उठी तो मेरे कपड़े अलग पड़े हुए थे

सुबह हुई… जब मैं सोकर उठी तो सिर भारी-भारी सा लग रहा था। शरीर में भारीपन था। मेरे शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था। मेरा सलवार-सूट पास में पड़ा था। मुझे बस एक पतली सी चादर से ढक दिया गया। वो दोनों बूढ़ी दादियां जो कमरे में सो रहीं थीं, वो भी कमरे में नहीं थीं। मेरे प्राइवेट पार्ट्स में बहुत तेज दर्द हो रहा था।

मैं तुरंत उठी, फटाफट कपड़े पहने। काफी देर तक कुछ समझ ही नहीं आया कि मेरे साथ क्या हुआ है। रात की यादें बहुत धुंधली थी। मुझे शक हुआ कि जीजा ने ही मेरे साथ बदतमीजी की है। उन्होंने मुझे रात में जो पानी दिया उसे पीकर ही मुझे बेहोशी जैसा लगने लगा था।

बुआ ने कहा, जीजा साली में तो ये सब चलता रहता है
लड़की बताती है कि मैं उठी और तुरंत बुआ के पास भागी। घर में तिलक था तो रिश्तेदार आने लगे थे। बुआ के आस-पास कई लोग थे। बुआ भी काम में लगीं थीं। उस दिन उनको कुछ बता पाना मुश्किल था। मैंने तिलक होने तक उनसे कुछ नहीं कहा। अगले दिन मैंने बुआ को अकेले में बुलाया। मुझे लगा कि वो मेरी मां जैसी हैं इसलिए मेरी बात को समझेंगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

बुआ को जब मैंने सारी बात बताई तो उन्होंने हंसकर कहा, “मजाक भी नहीं समझती। वो तेरे जीजा हैं और जीजा साली के रिश्ते में यह सब चलता रहता है।” कुछ देर तक मुझे समझ ही नहीं आया कि बुआ ने क्या कहा है। मैं कुछ सोच पाती तबतक बुआ बोलीं कि यह सब भूल जाओ और बाहर किसी को ये बात नहीं बताना वरना तुम्हारे ऊपर लोग शक करेंगे। मैंने भी डर की वजह से ये किसी को नहीं बताया।

भाई को बताया तो उसने भी छेड़छाड़ करना शुरू कर दिया
भाई को बताया तो उसने तो साथ दिया होगा? यह सवाल पूछने पर पीड़िता तेज आवाज में ऐसे बोलती है जैसे मैंने कुछ गलत पूछ लिया हो। एकदम से उसकी आंख में आंसू भर जाते हैं। वो कहती है दीदी वहां सब एक दूसरे से मिले हुए थे।

जब मैंने यह बात भाई को बताई उस दिन के बाद से वो भी मुझे गलत जगह छूने लगा। वो बाहर रहकर नौकरी करता था। लेकिन जब भी घर आता किसी ना किसी बहाने से मुझे इधर-उधर छूने की कोशिश करता। वो कहती, “दीदी मैंने 7 साल ये सब झेला है।”

7 साल में तीन बार प्रेग्नेंट हुई, बुआ ने एबॉर्शन करा दिया

इन 7 सालों में जीजा ने 4 बार उसके साथ बलात्कार किया। लंबी सांस लेकर वो कहती है कि भाई और जीजा ने छेड़खानी तो मेरे साथ अनगिनत बार की। एक दिन मेरे पेट में बहुत ऐंठन हो रही थी। अजीब सा दर्द था जो बर्दाश्त नहीं हो पा रहा था। हल्का फीवर भी था। बुआ को बताया तो डॉक्टर से जांच कराई।

घर वापस आने पर बुआ ने मुझे दर्द की दवा दे दी। दवा खाकर दर्द में राहत भी मिल जाती थी। हर बार जब जीजा मेरे साथ बलात्कार करता तो ऐसा ही दर्द होता था। बुआ दवा दे देती जिसके बाद दर्द ठीक हो जाता। एक बार बुआ अपनी बेटी के घर पर गई हुईं थीं। तब मुझे असहनीय दर्द हुआ। मैंने पास की एक दीदी के साथ जाकर डॉक्टर को दिखाया तो पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूं। डॉक्टर ने ही बताया कि पहले भी ऐसा हो चुका है।

मुझे लगा मैं कहां जाऊंगी, इसलिए जीजा से शादी कर ली
उस वक्त मेरी उम्र इतनी कम थी कि पता ही नहीं था इन सबका नतीजा क्या हो सकता है। धीरे-धीरे मुझे सब समझ आने लगा। तभी एक दिन दीदी और जीजा बुआ के घर आए। मुझसे माफी मांगी, बहुत प्यार से बात की और अपने घर चलने को कहा। मैं उनके साथ चली गई।

अगली सुबह, जीजा मुझे लेकर मंदिर जाते हैं। वहां पहुंचकर उन्होंने बोला कि वो मुझसे शादी करना चाहते हैं। थोड़ी देर तो मुझे कुछ समझ नहीं आया। फिर लगा कि जीजा ने मेरे साथ जो किया है वो जानकर कोई भी मुझसे शादी नहीं करेगा। बुआ ने भी घर से निकाल दिया तो मैं कहां जाऊंगी। यही सब सोचकर मैंने मंदिर में जीजा से शादी कर ली।

शादी के बाद हम दीदी के घर वापस पहुंचे। मुझे लगा अब सब ठीक रहेगा। लेकिन शादी के बाद जीजा ने फिर मेरे साथ जबरदस्ती की। अगले दिन वो मुझे बुआ के घर लेकर गए और बोले कि तुम्हें यहीं रहना है। मैंने विरोध किया कि मेरी शादी हुई है तो मैं साथ ही रहूंगी। इस पर उन्होंने मुझे मारा-पीटा और एक कमरे में बंद करके चले गए।

फोन चुराकर घर पर बात करती तो फूफा मारते थे
अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं किससे मदद मांगू। पिता जेल में थे, मां की मौत हो चुकी थी। भाई-बहन इन चीजों को समझ पाने के लिए बहुत छोटे थे। आखिर में मैंने तय किया कि अपनी दूसरी मां को पूरी बात बताउंगी। लेकिन उस वक्त मेरे पास मोबाइल नहीं था। बुआ के नंबर पर कभी-कभार उनका फोन आता तो बात हो जाती थी। बुआ हमेशा अपने सामने बैठाकर स्पीकर पर बात कराती थी।

मैंने मौका पाकर बुआ का फोन उठाया और मां को फोन किया। उन्हें पूरी बात बताई। उन्होंने मुझे मेरा साथ देने की बात भी कही थी। मैं मां से बात ही कर रही थी कि फूफा ने देख लिया। फोन छीनकर कॉल काट दिया और मुझे बहुत मारा। रोते-रोते मेरी हिचकियां बंध जाती लेकिन वो लोग मुझे मारते रहते।

बुआ समेत बाकी सबको फूफा ने बताया कि मैंने सारी बात मां को बता दी है। तो अगले दिन जीजा और बड़े भाई घर आए। बुआ और ये दोनों लोग मेरी दूसरी मां के घर गए। वो अपनी मां के घर रहती थीं। वहां जाकर उन्होंने मां को भी धमकाया। उनसे झगड़ा किया और कहा, “तुम्हारा पति अभी जेल में है। अगर रेप की बात बाहर आई तो तुम्हारे पति को ऐसे केस में फसाएंगे कि वो कभी बाहर नहीं आ पाएग।” मां मेरा साथ देना चाहती थी लेकिन ये सब सुनने के बाद चुप रही।

पिता जेल से बाहर आए, उन्हें सब बताया तब FIR हुई
साल 2021. लड़की के पिता जेल से बाहर आए। अपनी बेटी को बुआ के घर से वापस बुलाया। कुछ दिन लड़की अपने पिता के साथ रही। लेकिन अपने पिता को कुछ भी बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। उसने अपनी मां को भी मना कर दिया था। उसे डर था कि पिता उसकी बात नहीं समझेंगे।

कुछ दिन बीते। बुआ के घर से अक्सर उसे धमकियां मिलतीं कि किसी को कुछ भी बताया तो उसके पिता को वापस जेल भिजवा देंगे। लेकिन एक दिन जब उससे बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने पिता को सब बता दिया। पिता ने भी उसका पूरा साथ दिया और पुलिस थाने जाकर FIR करवाई।

आज भी घर आकर धमकी देते हैं वो लोग

लड़की बताती है कि FIR के बाद बुआ, जीजा और भाई घर आए और लड़ाई-झगड़ा करने लगे। मेरे पापा को धमकी भी दी कि केस वापस नहीं लिया तो सबको मार डालेंगे। लड़की डरी हुई आवाज में बोलती है, “दीदी, उन लोगों की ऊपर तक पहुंच है। वो हमें नेताओं के नाम पर धमकियां देते हैं। हम छोटे लोग हैं। हमें बस इंसाफ चाहिए।”

पीड़िता का कोर्ट में केस चल रहा है। वो कोर्ट जाती है तब भी आरोपी उसका पीछा करते हैं। डराने की कोशिश करते हैं। फर्जी मुकदमों में फंसाने की धमकी देते हैं। लेकिन उसे एक उम्मीद है कि जैसे बड़े-बड़े केसों में न्याय मिला है उसे भी मिलेगा।

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