सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कही यह बात, भारत में फांसी के जरिए नहीं होगी मौत की सजा

 

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मौत की सजा को लेकर अहम बयान दिया है। सरकार ने कहा है कि वह फांसी के जरिए दी जाने वाली मौत की सजा को बदलने पर विचार कर रही है। केंद्र ने कहा कि वह इसके लिए एक एक्सपर्ट कमेटी के गठन पर विचार कर रही है, जो मौत की सजा देने के मौजूदा तरीकों को परखेगी।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी के इस प्रतिवेदन पर गौर किया। अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि प्रस्तावित पैनल के लिए नामों को तय करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और कुछ समय बाद वह इस मुद्दे पर ज्यादा जानकारी देंगे।

 

बेंच ने इस पर कहा, “अटॉर्नी जनरल ने कमेटी में नियुक्तियों पर विचार करने की बात कही है। इसको देखते हुए हम गर्मी की छुट्टियों के बाद इसकी सुनवाई के लिए एक तय तारीख देंगे।”

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 21 मार्च को कहा था कि वह फांसी के जरिए मौत की सजा दिए जाने पर विचार कर सकती है। कोर्ट ने इस पर केंद्र से मौत की सजा के अलग-अलग तरीकों पर बेहतर डेटा देने की मांग की थी। इस मामले में वकील ऋषि मल्होत्रा ने 2017 में एक जनहित याचिका दायर की थी और कहा था कि फांसी की सजा की जगह मौत के लिए किसी कम दर्दनाक तरीके पर विचार किया जाना जरूरी है।

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