बच्चों के साथ गंदा काम, पत्‍नी देती थी साथ, 23 नाबालिगों को बनाया था शिकार

 

23 बच्चों के यौन शोषण के आरोपित सिंचाई विभाग के निलंबित जेई रामभवन व उसकी पत्नी के मामले की मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो हेमंत कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। सीबीआइ व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने दलीलें पेश कीं। न्यायाधीश ने आरोपितों के खिलाफ चार्ज बनाया। न्यायाधीश ने बुधवार को भी प्रकरण की सुनवाई तय की है।

वरिष्ठ अधिवक्ता राम स्वरूप सिंह व भूरा प्रसाद निषाद ने बताया कि चित्रकूट जनपद के कर्वी में तैनात रहे नरैनी निवासी सिंचाई विभाग के अवर अभियंता रामभवन और उसकी पत्नी समेत तीन से संबंधित प्रकरण में मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो की अदालत ने आरोपितों के खिलाफ चार्ज बना दिया।

बचाव पक्ष में राम स्वरूप सिंह, भूरा प्रसाद निषाद व वसीम उल्ला और अभियोजन पक्ष की ओर से दिल्ली सीबीआइ से आए अधिवक्ता धारा सिंह के बीच चार्ज पर न्यायाधीश हेमंत कुमार कुशवाहा के सामने दलीलें पेश की गईं। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के लिए बुधवार की तारीख तय की है। प्रकरण वर्ष 2019 का है।

इस मामले में सीबीआइ ने कर्वी थाने में जेई और उसकी पत्नी के खिलाफ 23 नाबालिगों का शारीरिक शोषण करने का मामला दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पीड़ित बालकों के न्यायालय के बंद कमरे में बयान दर्ज किए गए थे। प्रकरण का एक अन्य आरोपित आकिब दिल्ली का निवासी है। उसे भी जेल भेजा गया था। जो जमानत पर है।

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