इंदौर में बन रही 4 फीट लंबी पीतल की किताब, इसमें है 193 देशों के संविधान का चित्र, पूरी किताब का वजन 57kg

 

 

प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में 4 फीट लंबी पीतल की किताब तैयार की जा रही है। इसे संविधान से देश नाम दिया गया है। इसमें 193 देशों के संविधान के चित्र उकेरे जा रहे हैं। इसके मेन पेज के निर्माण का शुभारंभ 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती पर किया गया है। इस किताब का वजन 57 किलो रहेगा। इसका मुख्य पेज ही 10 किलो का है।

दरअसल, ये किताब इंदौर के ही रहने वाले एडवोकेट लोकेश मंगल द्वारा तैयार की जा रही है। लोकेश कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत से 2013 से जुड़े हुए है। उन्हीं की प्रेरणा से वे पीतल की दूसरी किताब तैयार करा रहे हैं। लोकेश का मानना है कि कागज की उम्र 80 से 100 साल होती है। ऐसे में वे संविधान पर ऐसी किताब बनाना चाहते थे, जो अजर-अमर रहे। इसलिए उन्होंने इन किताबों को तैयार कराने के पहले धर्मगुरुओं से चर्चा की। इसके बाद ये तय हुआ कि पीतल धातु से किताब तैयार की जाएगी। पहली किताब भी उन्होंने पीतल धातु से तैयार की। ये किताब पौन फीट की है, जिसका वजन 32 किलो है। इसमें 54 पीतल के पेज हैं। इसकी दो प्रति बनाने में 49 हजार रुपए खर्च हुए। जो इंदौर के ही लोगों से 10-10 रुपए लेकर एकत्रित किए गए। लोकेश बताते हैं कि इसकी एक प्रति कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत जी को दी गई है और एक प्रति उनके पास रखी है।

अब वे संविधान से देश की दूसरी किताब तैयार कर रहे हैं, जो 4 फीट की है। इसका पहला पेज बनकर तैयार हो चुका है। जिसका वजन ही 10 किलो है। इस पूरी किताब का वजन 57 किलो रहने वाला है। इसमें 99 पेज होंगे। लोकेश बताते हैं कि संविधान की किताब तैयार करने में उन्हें भाषा की दिक्कत आ रही थी। इसलिए फोटो के रूप में 193 देशों के संविधान को तैयार कर रहे हैं। इस किताब में 6 हजार फोटो रहेंगे। इसकी कीमत 42 हजार रुपए है। ये कीमत सिर्फ पीतल की है। इस पर लेजर प्रिंटिंग और अन्य चीजों का खर्च उन्हें नहीं आ रहा है। क्योंकि लेजर प्रिंटिंग करने वाले उन्हें फ्री में ये करके दे रहे हैं।

200 शहरों के लोगों से जमा किए 42 हजार रुपए

उन्होंने बताया कि इस किताब को तैयार करने के लिए उन्होंने 200 शहरों के लोगों से एक-एक रुपए जमा किए हैं। इसमें सहयोग करने वालों में व्यक्तिगत, राजनीतिक दल और अधिकारी वर्ग के लोग शामिल हैं। खास बात यह है इस किताब के प्रचार-प्रसार के लिए उन्होंने न तो कोई एप्लीकेशन बनवाई न ही वेबसाइट, जनसहयोग से ही ये खर्च निकाला है।

1 पेज प्रिंट होने में 1 घंटे से ज्यादा का वक्त

इस किताब को इंदौर में ही तैयार कराया जा रहा है। राजबाड़ा के पास एक दुकान पर इसका काम चल रहा है। 85 प्रतिशत से ज्यादा काम पूरा हो चुका है। इसका एक पेज प्रिंट होने में 1 घंटे 14 मिनट का समय लगता है। जबकि इसकी एक पेज की ड्राफ्टिंग में आधे घंटे का वक्त लगा। किताब तैयार कराने के इस काम में 40 लोगों की टीम लगी है। इसमें प्रमुख रूप से अक्षय आचार्य और छपाई के काम में नयन खटोड़ लगे हैं। इस किताब के मेन पेज पर 193 देशों के राष्ट्रीय प्रतिक चिह्न के फोटो उकेरे गए हैं। जबकि किताब के अंदर के पेजों पर उन देशों की धरोहरें, बैंक, राष्ट्रीय मुद्रा, राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न को उकेरा जाएगा।

26 नवंबर 2023 को लॉन्च होगी किताब

लोकेश ने बताया कि किताब बनाने का काम लगातार जारी है। आगामी 26 नवंबर 2023 को इस किताब को लॉन्च किया जाएगा। हालांकि इसे लॉन्च करने के लिए कोई आयोजन नहीं होगा। सामान्य रूप से ही संविधान दिवस के दिन ये किताब लॉन्च की जाएगी। इस किताब का मेन पेज कुछ वक्त पहले ही बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर जारी किया गया है।

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