राधानगर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे शहर से निकलने वाले ओवरलोड वाहन

 

 

✍️ मलय पांडेय ✍️
फतेहपुर। जिला प्रशासन के लाख प्रयासों के बाद भी जनपद के मौरंग खदानों से ओवरलोडिंग रुकने का नाम नहीं ले रही है। ओवरलोडिंग से जहाँ सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है वहीं सड़के भी खस्ताहाल हो रही हैं। लेकिन इसके बाद भी खदानों से ओवरलोडिंग पर लगाम नहीं लग पा रही है। जबकि रात- दिन अधिकारी ओवरलोड ट्रकों को पकड़ने के लिए सड़को पर दौड़ते हैं। इसके बाद भी बाँदा सागर मार्ग और शहर के अंदर से बेधड़क होकर ओवरलोड वाहन फर्राटा भरते हैं। बाँदा टाडा मार्ग तो दूर की बात है शहर के अंदर से निकलने वाले भारी वाहनों पर प्रशासन लगाम नही लगा पा रहा है। जबकि शहर के अंदर से भारी वाहनों के निकलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी राधानगर पुलिस की मिलीभगत से ओवरलोड मौरंग लदे वाहनों को शहर के अंदर से प्रवेश दे दिया जाता है। जबकि पुलिस ने शहर के अंदर आने वाले रास्ते पर बैरिकेट लगा रखा है। इसके बाद भी पता नही बैरिकेट अपने आप कैसे हट जाती हैं ? और ओवरलोड वाहन शहर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। शहर के अंदर से निकलने वाले ये ओवरलोड भारी वाहन जहाँ राधानगर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं वहीं जिला प्रशासन की व्यवस्था को मुंह चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। बताते हैं कि शहर के अंदर से निकलने वाले अधिकांशतः भारी वाहन लालगंज और रायबरेली बंधुओ के होते हैं।

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