इस तारीख को बंद हो जाएंगी डीजल कारें! पेट्रोलियम मंत्रालय की रिपोर्ट ने Auto इंडस्ट्री की उड़ाई नींद, पढ़ें पूरी बात

 

भारत को 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। पेट्रोलियम मंत्रालय की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही है। साथ ही समिति ने कहा कि बिजली और गैस से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना चाहिए। पूर्व पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर की अगुवाई वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2035 तक आंतरिक दहन इंजन वाले मोटरसाइकिल, स्कूटर और तिपहिया वाहनों को हटाने का सुझाव भी दिया गया है। समिति ने इस साल फरवरी में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 10 वर्षों में शहरी क्षेत्रों में एक भी डीजल शहरी परिवहन बस नहीं होनी चाहिए। सरकार ने अभी तक रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।

हाल ही में 54 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुए थे रद्द

दिल्ली परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक ऑटोरिक्शा, कैब और दोपहिया वाहनों सहित 54 लाख से अधिक पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। कुछ अनरजिस्टर्ड वाहनों में वैसे वाहन शामिल हैं जो 1900 और 1901 की शुरुआत में पंजीकृत हुए थे। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में 10 और 15 साल से अधिक पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया। इसमें कहा गया है कि आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त कर लिया जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2014 में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर रोक लगा दी थी। आंकड़ों के अनुसार, दक्षिणी दिल्ली भाग 1 से सबसे अधिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया। 27 मार्च तक कुल 9,285 तिपहिया और 25,167 कैब को रोका गया।

इन जगहों पर हुई सबसे अधिक कार्रवाई

माल रोड जोन से 2,90,127, आईपी डिपो से 3,27,034, दक्षिणी दिल्ली से 9,99,999 पार्ट 1, साउथ दिल्ली पार्ट 2 से 1,69,784, जनकपुरी से 7,06,921, 4 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। लोनी से 35,408, सराय काले खां से 4,96,086, मयूर विहार से 2,99,788, वजीरपुर से 1,65,048, द्वारका से 3,04,677, बुराड़ी से 25,167, राजा गार्डन से 1,95,626 और रोहिणी से 6,56,201 वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है। परिवहन विभाग ने 29 मार्च को ओवरएज वाहनों को सीधे स्क्रैपिंग के लिए भेजने के लिए एक अभियान शुरू किया है। अधिकारियों के मुताबिक, वे एक दिन में 100 वाहन उठा रहे हैं। ड्राइव के हिस्से के रूप में विभाग की प्रवर्तन टीमें एक चुने हुए क्षेत्र में गहन अभियान चलाती हैं।

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