महाठग संजय शेरपुरिया की मंगलवार को छह दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड खत्म हो गई। पुलिस ने रिमांड का टाइम पूरा होने के बाद उसको कोर्ट में पेश किया। रिमांड के दौरान उसने ठगी में साथ देने वालों से लेकर ठगी के शिकार हुए कई लोगों के राज खोले। जहां उसकी पत्नी और उससे जुड़े लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं। वहीं ईडी ने भी उसकी कंपनी और उससे जुड़े लोगों की ब्योरा खंगाला। जिसमें काले धन के सबूत मिलने के चलते जल्द ही ईडी भी उसको रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
एसटीएफ ने संजय शेरपुरया को 25 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। विभूतिखंड पुलिस ने छह दिन से उससे पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही थी। संजय शेरपुरिया ने इस दौरान अपनी कंपनी और अतीत से जुड़े कई राज खोले। रिमांड के दौरान पुलिस को उसने दिल्ली स्थित अपने घर से अपनी कंपनियों और एनजीओ से जुड़े कई दस्तावेज बरामद करवाए थे।
गुजरात के गांधीनगर में भी कई अहम जानकारी और सबूत जुटवाए थे। साथ ही उसके काम से जुड़े बीस लोगों से मिलवाया था। सूत्रों के मुताबिक शेरपुरिया की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी कंचन एक बार विभूतिखंड थाने पहुंची थी, लेकिन शेरपुरिया से बात करने के बाद अचानक लापता हो गई। उसके बाद से उसका फोन बंद आ रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार संजय शेरपुरिया की प्रॉपर्टी से जुड़े कई दस्तावेज खंगाले। वहीं उससे जुड़े लोगों से भी पूछताछ की। इन लोगों से शेरपुरिया के एनजीओ यूथ रूरल फाउंडेशन के खातों में पैसे भेजे थे। सूत्रों के मुताबिक ईडी शेरपुरिया के खिलाफ मनी लांड्रिंग केस दर्ज करने के बाद अब उसको रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।
ईडी की जांच में उसके लखनऊ, गाजीपुर, वाराणसी और दिल्ली में उसके खिलाफ कई अहम धोखाधड़ी के सबूत सामने आ चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक संजय शेरपुरिया से मंगलवार को भी पुलिस ने कुछ देर पूछताछ की। इस दौरान उसने दिल्ली और यूपी से जुड़े लोगों के विषय में जानकारी दी। जिसमें कई नेता, व्यापारी और अधिकारी है। जो उसके ठगी के खेल में सहयोग कर रहे थे।