नदी की जलधारा को रोककर भारी भरकम मशीनों से खप्टिहा 100/3 अवैध खनन जोरों पर

 

मुन्ना बक्श ब्यूरो चीफ

बांदा। जीवन दायिनी केन नदी खप्टिहा 100/3 के खदान संचालक की निगाहों में खटक रही है। यही वजह है कि यहां का टॉप वन बालू खनन माफिया खदान संचालक नदी की जलधारा को रोककर भारी भरकम मशीनों से अवैध खनन कार्य कराने में लिप्त है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि लगातार ग्रामीणों के विरोध के बावजूद भी खदान के काले कारनामों की पोल खोलने के बावजूद भी बांदा खनिज विभाग इस खदान में छापेमार कार्यवाही करने में कांप रहा है।

 

सूत्रों की मानें तो खदान संचालक के रसूख के आगे खनिज विभाग अदना (बौना) साबित हो रहा है। अब अगर यही हाल रहा तो गर्मी के दिनों में लोगों को पानी के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी। सूत्रों के अनुसार लखनऊ से प्रकाशित एक विचार नामक समाचार पत्र के कथित पत्रकार के इशारे पर यह सारा खेल खेला जा रहा है।

बताते चलें कि अब गर्मी से लोग बेहाल होने लगे हैं। मई माह में गर्मी अपना विकराल रूप दिखाने लगी है। शहर को केन नदी से बहुत बड़ा पेयजल का सहारा है। शहर सहित आस-पास के कई गांवों के लोगों के लिए केन नदी जीवन दायिनी साबित होती है। लेकिन खप्टिहा 100/3 के बालू खदान के खनन माफिया के कारगुजारी से केन नदी का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है।

इस खदान में खनिज विभाग को धता बताते हुए एनजीटी के सारे नियमों को पैरों तले रौंदकर खदान संचालक खनन माफिया द्वारा नदी की जलधारा को रोककर भारी-भरकम प्रतिबंधित मशीनों से दिन – रात अवैध खनन का कार्य किया जा रहा है। इस खदान में मनमानी का दौर अपने चरम पर है। खप्टिहा 100/3 की खदान का संचालक रसूखदार होने की वजह से खनिज विभाग के अधिकारी से खदान में हांथ डालने में भी कांपते हैं।

यही वजह है कि लगातार काफी अर्से से पूरी तरह से अनियमिततापूर्वक चल रही इस खदान में किसी अधिकारी की निगाह नहीं जाती है। यदि यही हाल रहा और खनन विभाग और प्रशासनिक अधिकारी नहीं चेते तो जीवनदायिनी केन नदी का अस्तित्व समाप्त करने में खदान संचालक को समय नहीं लगेगा और गर्मी के दिनों लोगों की पानी की समस्या से लाचार होना पड़ेगा।
जिला प्रशासन पर भारी पड़ती दिख रही है खप्टिहा 100/3 के बालू खदान संचालक की मनमानी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.