सांस की नली में मूंगफली फंसने से बच्चे की मौत, UP के टॉप 3 डॉक्टर्स से जानिए बच्चे का दम घुट रहा हो तो कैसे बचाएं जान

 

लखीमपुर खीरी में 4 साल की मासूम बच्ची की सांस नली में मूंगफली का दाना फंस गया। बच्ची 15 से 20 मिनट तक तड़पती रही। परिजन डॉक्टर के पास पहुंचते, इससे पहले ही मासूम ने दम तोड़ दिया। इस घटना ने एक बार फिर बच्चों के साथ अचानक से जानलेवा होते इन हादसों ने चिंता बढ़ा दी है।

इस रिपोर्ट में जानेंगे कि सांस की नली में कुछ फंसने से अचानक मौत कैसे हो जाती है? अगर दम घुटने लगे, तो बच्चे को बचाने के लिए क्या करना चाहिए?

बड़ों के मुकाबले संकरी होती है सांस और खाने की नली
इसको लेकर सबसे पहले SGPGI के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के हेड डॉ. पियाली भट्टाचार्य से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि सांस की नली यानी ट्रेकिया में कुछ भी फंसना बेहद घातक होता है। बच्चों में ये ज्यादा परेशानी का सबब इसलिए भी है, क्योंकि उनकी सांस और खाने की नली बड़ों के मुकाबले संकरी होती है। सवाल उठता है कि अब करें क्या? कैसे बच्चों को इस समस्या से बचाकर रखें? इसके लिए हमने लखनऊ के 3 टॉप पीडियाट्रिक स्पेशलिस्ट से बात की। हमने उनसे इस बारे में कई सवाल किए, जो आपको अलर्ट रखेंगे।

पढ़िए सवालों के जवाब

सवाल : सांस की नली में कुछ फंस जाए, तो क्या करना चाहिए?
जवाब :
 छोटे बच्चों को गार्जियन की निगरानी में ही रखना चाहिए। उनकी सांस की नली में अगर कुछ भी फंसे, तो तुरंत सतर्कता से इस परिस्थिति से निपटने की जरूरत है। इसके लिए ग्लोबली ‘हेइम्लीच मैन्यूर’ यानी हेइम्लीच कौशल के कुछ बेहद आसान से स्टेप हैं। जिनको फॉलो करके बच्चे को तत्काल राहत दी जा सकती है। अमेरिका जैसे देशों में इसको लेकर लोगों में पहले से मास अवेयरनेस है। लेकिन, भारत में जागरूकता कम है।

सवाल : हम कैसे समझें कि स्थिति गंभीर हो चुकी है?
जवाब :
 सबसे पहले बच्चे की हालत समझनी चाहिए। वह बोल पा रहा है या नहीं। यानी उसके मुंह से आवाज निकल पा रही है या नहीं। अगर ऐसा है, तो आपको बिना पैनिक हुए तुरंत एक्टिव होना है। फॉरेन बॉडी रिमूवल की टैक्टिक से हालात से निपटना है। अगर इसके बारे में जानकारी नही है, तो बच्चे को तुरंत अस्पताल लेकर जाएं। वहां पर इमरजेंसी में उसे दिखाएं और उसका इलाज कराएं।

सवाल : अगर बच्चा बेहोश हो जाए, तो क्या करें?
जवाब : 
आवाज नहीं आने पर 2 से 3 मिनट ही आपके पास होते हैं। संभव है कि इस दौरान बच्चे को बेहोशी भी आ जाए। हालात बिगड़ने से पहले उससे तत्काल CPR देना जरूरी है। बिना देर किए उसे पीठ पर थाप देना जरूरी है। इससे भी फायदा न होने पर बच्चे को पेट के बल लिटाकर उसकी पीठ थपथपानी चाहिए। जिससे खांसी आ जाए और जो भी फंसा हो, निकल जाए।

सवाल : हेइम्लीच मैन्यूर’ क्या है? इससे कैसे बचाव किया जा सकता है? अगर ये काम न आए तो क्या करें?
जवाब : 
बेहद आसान से स्टेप्स से सांस की नली में फंसी हुई किसी चीज को बाहर निकाला जा सकता है। इसमें एब्डॉमिनल थ्रस्ट (जिसे हेमलिच पैंतरेबाजी या हेइम्लीच कौशल के रूप में भी जाना जाता है) का उपयोग करके रुकावट को दूर किया जाता है।

सवाल : अस्पताल में कैसे ट्रीट किया जाता है?
जवाब :
 अस्पताल में एक्सटर्नल ट्रेकिया ट्यूब डालकर उसे सांस दी जा सकती है। इसके अलावा ब्रोंकोस्कोपी के जरिए दूरबीन से फंसी हुई वस्तु की सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है।

सवाल : इन परिस्थितियों से कैसे बचा जा सकता हैं?
जवाब : 
बिना चबाए खाना हानिकारक है। कई बार ऐसा देखा गया है कि छोटे बच्चे खाने-पीने की चीजों को बिना चबाए ही निगल लेते हैं। यही खतरनाक साबित होता है।

इन चीजों को बच्चों से रखें दूर

  • छोटे बच्चों में हर चीज मुंह में डालने की आदत होती है।
  • इस चक्कर में वह कोई भी चीज निगलने की कोशिश करते हैं।
  • बच्चे मूंगफली के दाने, सेप्टिक पिन, राजमा, मटर का दाना, सिक्का, बटन, बादाम और कंचे समेत अन्य चीजें मुंह में डाल लेते हैं।

खाते वक्त ये 5 गलती करने पर खाना अटक या फंस सकता है…

  1. जल्दी-जल्दी खाना खाने पर।
  2. लगातार बात करते हुए खाने पर।
  3. खाना बिना चबाए सीधे निगलने पर।
  4. खेलते हुए बच्चे को खाना खिलाने पर।
  5. नींद में किसी को खाना खिलाने पर।

गले में कुछ अटक या फंस जाने पर ये परेशानियां हो सकती हैं…

  • बोलने में परेशानी या बोल न पाना।
  • खांसी आना।
  • सांस लेने में दिक्कत।
  • सांस लेते वक्त आवाज आना।
  • दोनों हाथों से अपना गला पकड़ना।
  • दिल की धड़कन तेज होना।
  • शरीर का रंग नीला पड़ना।
  • बेहोश होना।
  • 1-2 मिनट तक शरीर कांपना।
  • छोटे बच्चे रोने भी लगते हैं।
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