कांग्रेस के प्रति मुसलमानों का बढ़ता जा रहा प्रेम: मिस्बाहुल – निकाय चुनाव में कई सीटों पर सपा प्रत्याशी का पिछड़ना समाप्ति की राह

फतेहपुर। मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों ने एंटी सपा वोटिंग की उनकी पहली पसंद कांग्रेस थी और जहाँ कांग्रेस का प्रत्याशी मजबूत नहीं था वहाँ भी उन्होंने सपा के बजाए दूसरे विकल्प चुने। यह मुसलमानों में सपा से घोर निराशा और उसे भविष्य में पूरी तरह छोड़ कर कांग्रेस में आने के संकल्प को दिखाता है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मिस्बाहुल हक ने कही।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम बहुल शाहजहाँपुर और मुरादाबाद में मेयर पद पर कांग्रेस प्रत्याशी का दूसरे नम्बर पर रहना और संभल, मेरठ समेत अन्य जगहों पर सपा प्रत्याशी का बुरी तरह पिछड़ना साबित करता है कि सपा अब समाप्ति की राह पर है। यह अखिलेश यादव की पांच प्रतिशत जातिगत आबादी के पीछे 20 प्रतिशत आबादी वाले मुसलमानों के चलने से इनकार करने का संकल्प भी है। अब मुसलमान सोचने लगे हैं कि जब आज़म खान और मुलायम सिंह यादव ने एक साथ सपा की राजनीति शुरू की तो फिर बुढ़ापे में भाजपा ने आज़म खान को जेल और मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण क्यों दिया। वो यह भी सोचने लगा है कि जब सपा का जातिगत वोटर अपने मुस्लिम प्रत्याशियों को वोट नहीं देता तो फिर वह सपा का बंधुआ वोटर बन कर क्यों रहे जिसने पूरे प्रदेश से मुस्लिम नेतृत्व को समाप्त कर दिया है। प्रदेश उपाध्यक्ष श्री हक ने कहा कि मुसलमान अब यह भी समझने लगे हैं कि अगर वो कांग्रेस में जाते हैं तो भाजपा से नाखुश सभी वर्ग कांग्रेस में आ सकते हैं जबकि सपा के जातिगत समर्थकों की नाकारात्मक छवि के कारण वहां कोई दूसरा वर्ग नहीं आता है और खुद अखिलेश यादव का भी एक बड़ा जातिगत हिस्सा लोकसभा चुनावों में भाजपा में चला जाता है। उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी जिस तरह संविधान की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं उससे मुसलमान अब पूरी तरह कांग्रेस के साथ आने का मन बना चुका है।

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