सपा के लिये स्वर्णिम रहा सुरेंद्र युग – पंचायत चुनाव हार से सपा ने लिया सबक, विधानसभा के बाद निकाय में लहराया परचम

नफीस जाफ़री

फतेहपुर। समाजवादी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष पद पर एक बार फिर से सुरेंद्र सिंह यादव को जनपद की बागडोर देकर निकाय चुनाव की मझधार में पार्टी का बेड़ा पार लगाने की ज़िम्मेदारी भी देते हुए खुद को साबित करने का अवसर दिया था। दूसरी बार जनपद की बागडोर संभालते ही सुरेंद्र सिंह यादव ने न केवल खुद को साबित किया बल्कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पंजे से जनपद की 10 नगर निकाय में से सदर समेत तीन अहम सीटें में जीत हासिल कर अपना लोहा मनवा दिया।
वर्ष 2014 में प्रथम बार बतौर जिलाध्यक्ष बनने के बाद सुरेंद्र सिंह यादव लगातार कार्यकर्ताओं से संवाद कर सरकार और कार्यकर्ता के बीच सेतु की भूमिका अदा करते रहे। इस बीच हुए पंचायत चुनाव में पार्टी ने बेहतर प्रदर्शन तो किया लेकिन जिला पंचायत अध्यक्षी में अपनों की ही साजिशों का शिकार हो गये। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी की लोकप्रियता के आगे पूरे प्रदेश में सपा का किला ढह जाने के बाद भी विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दिलीप सिंह उर्फ कल्लू यादव को जीत दिलाने में कामयाब रहे और इलाहाबाद झांसी शिक्षक विधायक की सुगबुगाहट के बीच समाजवादी पार्टी ने सुंरेन्द्र सिंह की जगह विपिन सिंह यादव को जनपद का जिलाध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया लेकिन निवर्तमान जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह यादव की बनाई रणनीति के बल पर ही समाजवादी पार्टी शिक्षक विधायक के रूप डॉ मान सिंह यादव को जीत दिलाने मे कमयाब हुई। जिलाध्यक्ष पद से हटने के बाद भी समाजवादी पार्टी संगठन के कार्यों मे लगतार सक्रिय रहते हुए वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सूखे की मार झेल रही समाजवादी पार्टी ने जनपद की छह विधानसभा में से सदर एवं हुसैनगंज सीट से जीत हासिल की। 2023 के नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बीच एक बार फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सीएम अखिलेश यादव की अनुमति पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने सुरेंद्र सिंह यादव को जिलाध्यक्षी सौंपते हुए नगर निकाय में पार्टी की जीत की भी जिम्मेदारी सौंप दी। केंद्र व प्रदेश में लगातार दो बार से काबिज भाजपा सरकारों के बीच में से सदर नगर नगर पालिका सीट बरकरार रखना व अन्य सीटों पर जीत का लक्ष्य हरगिज आसान नहीं था। 2021 में पंचायत चुनाव में हुए हाई वोल्टेज ड्रामा में पार्टी पार्टी प्रत्याशियो को नामांकन दाखिल करने में हुई फजीहत व जनपद के एक भी ब्लाक में प्रमुख पद पर पार्टी को जीत न मिलने व जिला पंचायत की कुर्सी दूसरी बार भाजपा के खाते में जाने से हताश कार्यकर्ताओं को नई ऊर्जा के साथ नगर निकाय चुनाव में जुटने का आह्वान काम आया और जनपद की दस नगर निकायों में भाजपा को मात्र पांच सीटों तक सीमित करके हाई प्रोफाइल सदर नगर पालिका परिषद की सीट पर राजकुमार मौर्या को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा करके सपा का कब्ज़ा बरकरार रखा और कभी सपा का गढ़ रही जहानाबाद नगर पंचायत की सीट को बसपा के चंगुल से मुक्त करवाकर एक बार फिर से सपा को काबिज़ कराने में कामयाब रहे। वहीं हुसैनगजन क्षेत्र के हथगाम की नगर पंचायत सीट भी जीतने में कामयाब रहे। निकाय चुनाव के दौरान पुलिस पर सपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करने व सपा नेताओं को टारगेट किये जाने के आरोपो के बीच पार्टी को मिली जीत पर सपा कार्यकर्ताओ का उत्साह देखते ही बन रहा है। इसे जनपद में बतौर दुसरी बार जिलाध्यक्ष बने सुरेंद्र सिंह यादव की रणनीति व स्वीकार्यता का एक फिर से लोहा माना जा रहा है।

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