गौरा इण्टर कालेज में अवधूत भगवान राम कृष्ठ सेवा आश्रम के सौजन्य से किया गया वृक्षारोपण।
डलमऊ रायबरेली। गौरा इण्टर कालेज में अवधूत भगवान राम कृष्ठ सेवा आश्रम के सौजन्य से हुआ वृक्षारोपणदीन शाह गौरा इण्टर कालेज, रायबरेली के प्रांगण में औघड़ भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम शाखा मुंशीगंज, रायबरेली के सौजन्य से 107 फलदार एवं सायादार वृक्ष रोपित किये गये। विद्यालय के प्रधानाचार्य हरीशचन्द्र सिंह ने आश्रम द्वारा कराये गये इस पुनीत कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्यावरण के लिए वृक्षारोपण अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हर कोई जानता है कि पेड़ आक्सीजन का श्रोत है। वे कार्बन डाई आक्साइड लेते हैं और आक्सीजन छोड़ते हैं, जिसके बिना पृथ्वी पर जीवित प्राणियों का असितत्व सम्भव नहीं है। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक मनीष सिंह ने कहा कि कार्बन डाइआक्साइड लेने के अलावा पेड़ सल्फर डाइआक्साईड और कार्बन मोनोआक्साइड सहित कई हानिकारी गैसों को भी अवशोषित करते हैं और वातावरण से हानिकारक प्रदूषक को भी फिल्टर करते हैं, जिससे हमें ताजा और साफ-सुथरी हवा सांस लेने के लिए मिलती है। वाहनों और कारखानों द्वारा उत्सर्जित धुएं के कारण वायु प्रदूषण की बढ़ती मात्रा केवल तभी नियंत्रित की जा सकती है, जब अधिक से अधिक पेड़ हों। आश्रम शाखा रायबरेली के संयुक्त मन्त्री डा0 शशांक द्विवेदी ने कहा कि एक प्रसिद्ध कहावत इस प्रकार है, ‘‘कल्पना कीजिए कि अगर पेड़ वाईफाई सिग्नल देते तो हम कितने सारे पेड़ लगाते, शायद हम ग्रह को बचाते। बहुत दुख की बात है कि वे केवल आक्सीजन का सृजन करते हैं।’’ कितना दुखद है कि हम प्रौद्योगिकी के इतने आदी हो गये हैं कि हम अपने पर्यावरण पर होने वाले हानिकारक प्रभावों की अनदेखी करते हैं न केवल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल प्रकृति को नष्ट कर रहा है, बल्कि यह हमें उससे अलग भी कर रहा है। कोषाध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि अगर हम वास्तव में जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवन-यापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाने चाहिए। ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइट आक्साइड को छोड़ने के अलावा पेड़ पर्यावरण से अन्य हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं, जिससे वायु शुद्ध और ताजी बनती है, जितन हरे-पेड़ होंगे उतना अधिक आक्सीजन का उत्पादन होगा और अधिक विषैली गैसों को यह अवशोषित करेंगे। वृक्षारोपण करने वालों में मुख्य रूप से दल बहादुर सिंह, अभिषेक विक्रम सिंह, धर्मेन्द्र यादव, शैलेन्द्र सिंह, महेन्द्र बहादुर सिंह, आशुतोष सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।