क्लस्टर फोरम के सदस्यों को संचार कौशल के गुण सिखाये – फाइलेरिया रोगी क्लस्टर फोरम के सदस्यों को किया गया प्रशिक्षित – फाइलेरिया रोग व उसके प्रबंधन के बारे में दी जानकारी

फतेहपुर। यदि फाइलेरिया हो गया है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि हिम्मत से इस बीमारी का मुकाबला करें। साफ सफाई व नियमित व्यायाम करके फाइलेरिया मरीज अन्य स्वस्थ्य व्यक्ति की तरह सामान्य जीवन जी सकता है। यह कहना था सहायक जिला मलेरिया अधिकारी कीर्ति रंजन का।
स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में सहयोगी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) और पाथ के सहयोग से फाइलेरिया रोगियों के क्लस्टर फोरम का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिटौरा में आयोजित हुआ। जिसमें मरीजों को बीमारी की बारीकियों और सावधानी के साथ कुशल प्रबंधन बारे में बताया गया जनपद में आगामी 10 अगस्त से शुरू होने वाले आईडीए कार्यक्रम को लेकर सदस्यों को जागरूक किया गया। बताया गया कि अभियान के अंतर्गत दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोडकर सभी को वर्ष में एक बार फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन करना है। इसको लेकर सदस्यों को जागरूक किया गया। प्रश्नोत्तरी के दौरान मरीजों में फाइलेरिया को लेकर कई तरह की भ्रांतियों को भी दूर किया गया। सहायक जिला मलेरिया अधिकारी कीर्ति रंजन ने फाइलेरिया रोगियों से कहा कि वह समुदाय में मरीज की तरह काम न करके फाइलेरिया योद्धा की तरह काम करें। इससे परिवार, गाँव, जनपद को फाइलेरिया मुक्त बनाने के प्रयास को सफल बनाने के साथ ही फाइलेरिया कार्यक्रम को मजबूती मिल सकेगी। पाथ संस्था के रीजनल नेग्लेक्टेड ट्रापिकल डिजीज एनटीडी नोडल आफीसर कानपुर डॉ अनिकेत ने फाइलेरिया रोग व उसके प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि बुखार रहे या अन्य फाइलेरिया के लक्षण समझ में आए तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र आकर जांच करवाना बहुत जरूरी है। जनपद में आगामी 10 अगस्त से होने वाले आईडीए कार्यक्रम को लेकर सदस्यों को जागरूक किया गया। इस बात पर जोर दिया कि अपनी बात स्पष्ट तरीके से रखें संदेश छोटे और आसानी से समझने लायक हो क्योंकि यदि स्पष्ट नहीं होंगे तो जो बात आप बताना चाहते हैं उसे समझने में लोगों को दिक्कत होगी। इस मौके पर जय मां दुर्गा फाइलेरिया सहायता समूह के सदस्य संजय ने बताया कि वो 12 साल से फाइलेरिया से ग्रसित थे और चलने फिरने में भी असमर्थ थे लेकिन जब से नेटवर्क से जुड़े हैं। साफ-सफाई और व्यायाम कर रहें हैं काफी आराम है। उन्हें विभाग से प्रबंधन किट भी मिला है। इसी समूह से प्रतिमा देवी ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान फाइलेरिया रोग के बारे में समुदाय को क्या और कैसे बताना है ये जानकारी भी मिली और अब हम अच्छे से गांव में प्रचार प्रसार कर पाएंगे और सबको बीमारी की गंभीरता के बारे में भी बता सकेंगे। इस मौके पर चिकित्सा प्रभारी डा राघवेंद्र सिंह राघव, सीफॉर संस्था के राज्य जिला एवं ब्लाक प्रतिनिधि, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी महेंद्र भारती, बीसीपीएम आशुतोष जायसवाल एवं अलग अलग फाइलेरिया नेटवर्क के 20 सदस्य मौजूद रहे।

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