दहेज लेने वालों की खैर नहीं, निकाह कराने के लिए माननी पड़ेगी बोर्ड की ये बात

ऑल इंडिया काजी बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वरकात अहमद कौसर रब्बानी ने बताया कि शादी में दहेज लेने, फिजूलखर्ची करने, गाना बजाने वालों को निकाह पढ़ाने के लिए काजी नहीं मिलेगा। बोर्ड ने इस पर अपनी सहमति दे दी है और इसे सख्ती से लागू भी कराया जाएगा। शादी समारोह में लोगों को इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

जबलपुर से बनारस पहुंचे काजी बोर्ड के अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के तीन तलाक कानून का समर्थन करते हुए कहा कि शरीयत के खिलाफ जो लोग भी तीन तलाक देते हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। अध्यक्ष ने कहा कि दहेज के लिए गरीब लड़कियों पर जुल्म करने की वजह से ही आज खुदकुशी की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसे रोकने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। साथ ही पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे युवाओं को इस्लाम में बताए गए तरीके से अपनी जिंदगी जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं है कि कोई उर्दू में ही निकाहनामा पढ़ें। वह अपनी मातृभाषा में भी पढ़ सकता है। मेहर शरीयत के मुताबिक होनी चाहिए। इसे अपनी शान शौकत और दिखावे के लिए बढ़ाकर नहीं मांगना चाहिए।

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