स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही मरीजों पर पड़ न जाये भारी – डॉक्टर ने मोबाइल की रोशनी में देखा मरीज

फतेहपुर। प्रदेश की योगी सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए करोड़ों खर्च कर रही हो बावजूद इसके जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का हाल देखते ही बन रहा है। यहां जिला अस्पताल में मरीजों को देखने के लिए विद्युत की वैकल्पित व्यवस्था के लिए लगाया गया जनरेटर सिर्फ और सिर्फ शोपीस बना हुआ है।
जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 500 से एक हज़ार मरीज आते है। मंगलवार को अस्पताल की ओपीडी के ईएनटी विभाग के कमरा नंबर-4 में डॉक्टर नवीन मरीजों को देख रहे थे। तभी अचानक बत्ती गुल हो गई। चेम्बर के अंदर अंधेरा छा गया। इस बीच चिकित्सक और मरीज बिजली आने का इंतज़ार करने लगे। जब आधा घंटे तक बिजली नहीं आई तो डॉक्टर ने अपने मोबाइल की टार्च जलाकर मरीजों को देखना शुरू किया। अहम सवाल यह है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए सरकार करोड़ों का बजट आवंटित करती है। साथ ही मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में आने वाले व्यवधान के लिए वैकल्पित व्यवस्था के लिए भी बजट मुहैय्या कराया जाता है। इसके बाद भी जिला अस्पताल में बिजली जाने पर वैकल्पिक तौर पर लगाया गया जनरेटर नहीं चलाया गया। इसी से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी और बदहाली का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है। मामले में कार्यवाहक सीएमएस डॉ. जीपी शर्मा ने बताया कि थोड़ी देर के लिए लाइट चली गई थी। भीड़ के कारण डॉक्टर ने मोबाइल की टार्च जलाकर मरीजों को देख रहे थे। जनरेटर चलने के पहले ही बिजली आ गई थी।
इंसेट-
ओटी में जा सकती थी मरीजों की जान
फतेहपुर। जिला अस्पताल में बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लगाया गया जनरेटर बेमकसद साबित हो रहा है। अस्पताल में मंगलवार सुबह बिजली गुल हो गई। यदि इस बीच ऑपरेशन हो रहे होते तो शायद ओटी के मरीजों की जान पर भी बन सकती थी। अस्पताल प्रशासन की इतनी बड़ी लापरवाही एक न एक दिन किसी न किसी मरीज को मौत की नींद सुला सकती है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

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