कांग्रेस सरकार बनते ही एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा होगा बहाल: मिस्बाहुल – एएमयू के अल्पसंख्यक चरित्र पर अखिलेश यादव की चुप्पी शर्मनाक
फतेहपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष मिस्बाहुल हक ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बीते एक सदी से एक अग्रणी शैक्षिक संस्थान के साथ ही मुसलमानों की संस्कृति और पहचान का अहम केंद्र रहा है लेकिन मोदी सरकार अब इस संस्थान की मुस्लिम पहचान को खत्म करना चाहती है। पहले तो 2014 के बाद से अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वार्षिक बजट में लगातार बड़ी कटौती की गई और उसके बाद अब केंद्र की मोदी सरकार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से अल्पसंख्यक संस्थान का दर्ज़ा वापस लेने की साजिश रच कर रही है। मोदी सरकार ने एएमयू से मुस्लिम संस्थान का दर्जा वापस लेने की लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सिर्फ़ इसका एलान होना बाकी है। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखने वाले लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने संसद में बिल पास करके खूफ़िया तरीके से एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म कर दिया है और यदि मोदी सरकार ने (एएमयू) का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म किया तो अल्पसंख्यक कांग्रेस इसका पुरज़ोर विरोध करेगी। अल्पसंख्यक व मुस्लिम समाज के साथ होने वाले इस अन्याय को जनता के बीच लेकर जायेगी और 2024 में केंद्र में कांग्रेस सरकार की सरकार बनते ही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल किया जायेगा।
गौरतलब है कि 1981 में इंदिरा गांधी की सरकार ने संसद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट में बदलाव करके इसको अल्पसंख्यक संस्थान का दर्ज़ा दिया था। जिसे समाप्त करने व एएमयू की मुस्लिम पहचान मिटाने को लगातार बीजेपी साजिश करती रही है। कर्नाटक की विफलता के बाद सभी मोर्चे पर नाकाम मोदी सरकार 2024 के चुनाव मे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे की समाप्ति को मुद्दा बनना चाहती है। मिस्बाहुल हक ने कहा कि अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जा समाप्ति पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चुप्पी न सिर्फ निंदनीय है बल्कि एक बार फिर उनके मुस्लिम विरोध चेहरे को उजगार करती है। अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म होने से मुस्लिम समाज पर न सिर्फ शैक्षिक बल्कि मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा। मगर अखिलेश यादव इतने अहम मुद्दे पर भी सियासी नुकसान फायदा देख रहे हैं।